मुल्जिम के भागने में बर्खास्त दो पुलिस कर्मियों को एक साल की सजा, 18 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
एक 18 साल पुराने मामले में, कोर्ट ने मुल्जिम को भागने में मदद करने वाले दो बर्खास्त पुलिस कर्मियों को एक साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को गंभ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बांदा। पुलिस हिरासत से 18 साल पहले मुल्जिम के फरार होने में कोर्ट ने दो बर्खास्त सिपाहियों को न्यायालय एसीजेएम रेलवे कोर्ट दिव्यकांत सिंह राठौर ने एक-एक साल की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों दोषियों पर एक-एक हजार रुपये जुर्माने का अर्थदंड भी लगाया है। दोषी दोनों सिपाही कानपुर नगर के निवासी हैं।
गैंगस्टर कोर्ट झांसी से 2007 में मुल्जिम वसीम खां को लेकर दो सिपाही बांदा आ रहे थे। तभी लाकअप तक पहुंचने के पहले ही वसीम दोनों सिपाहियों की कस्टडी से हथकड़ी छुड़ाकर भाग निकला था।
जीआरपी थानाध्यक्ष शिवबाबू ने बताया कि सिपाहियों की कस्टडी से भागने के बाद आरोपित ने खुद सरेंडर कर दिया था, जिसकी बाद में मृत्यु हो गई थी। मुल्जिम के भागने में लापरवाही के चलते कानपुर नगर के सेन पश्चिम पारा के तिरमा गांव निवासी सिपाही सुरेश तिवारी व कानपुर नगर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के शिवनगर नई बस्ती निवासी सिपाही विजय पाल के विरुद्ध जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
न्यायालय से सजा होने के पहले विभागीय जांच में दोषी मिलने पर दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया था। अब बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोनों मुल्जिम भगाने के दोषी सिपाहियों को सजा सुनाई है।

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