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    यूपी के इस जिले में मतदाता सूची से हटाए जाएंगे एक लाख से अधिक मतदाता, एसआईआर का 80 प्रतिशत काम पूरा

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 05:50 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के एक जिले में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है। एसआईआर के माध्यम से एक लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे, क्योंकि वे स्थ ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बांदा। इन दिनों चल रहे एसआईआर कार्य में अब मतदाता सूची से हटाए जाने वाले मतदाताओं की स्थिति धीरे-धीरे स्पष्ट होने लगी है। अब तक हुए काम में हर विधानसभा में औसतन 20 हजार मतदाता ऐसे मिले हैं, जिन्हें मतदाता सूची में आगे नहीं रखा जा सकता है। यानी इन्हें अब मतदाता सूची से डिलीट कर दिया जाएगा। मतलब साफ है कि मतदाता सूची में अब घालमेल नहीं चलेगा।

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    जिले की चारों विधान सभाओं में चार नवंबर से तीन दिसंबर तक चले अभियान में 96042 मतदाता ऐसे मिले हैं, जिन्हें अब आगे मतदाता सूची में स्थान मिलना संभव नहीं है। सूची में शामिल न होने वाले मतदाताओं में मृतक, घर से बाहर रहने वाले, घर छोड़कर दूसरे शहरों में बस चुके और एक की जगह कई जगह मतदाता बनने वाले लोग शामिल हैं।

    घर-घर बीएलओ सत्यापन कर रहे हैं, तो यह स्थिति साफ हो रही है। अभी जिस तरह से मतदाताओं की खोज हो रही है और वह अपने घरों में नहीं मिल रहे हैं।

    इससे यह माना जा रहा है कि जब बीएलओ की तीसरी विजिट पूरी हो जाएगी तो यह संख्या और बढ़ जाएंगी और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से बाहर श्रेणी वाले मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख का आंकड़ा छू सकती है।

    वहीं अब तक एसआईआर अभियान में सात दिन का समय शेष बचा है, लेकिन जनपद ने बेहतर काम दिखाते हुए 80 प्रतिशत काम पूरा कर दिया गया है। आनलाइन फीडिंग में जिले की स्थिति 80 प्रतिशत से अधिक है।

    खलिहान तक पहुंच रहे बीएलओ

    यूं तो जिले में 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन जो 20 प्रतिशत काम बचा है वह भी किसी चुनौती से कम नहीं है। बचे हुए 20 प्रतिशत मतदाताओं में अधिकांश ऐसे हैं जिनकी तलाश पहले भी हो चुकी है। अब इनकी दोबारा और तीसरी बार खोज हो रही है। बीएलओ खेत खलिहान तक पहुंच रहे हैं।

    एसआईआर अभियान के तहत जिले में लगातार काम हो रहा है। अब तक एक लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान हुई है जो शिफ्टेड, मृतक या डुप्लीकेट की श्रेणी में है। ऐसे लोगों का नाम ड्राप पब्लिकेशन में शामिल नहीं होगा। यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

    -डीएम जे. रीभा जिला निर्वाचन अधिकारी, बांदा