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    यूपी में दो माह से 10 हजार शिक्षामित्र और रसोइयों को नहीं मिला मानदेय, परिषद ने खाता खोलने के दिए निर्देश

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 04:09 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में दस हजार शिक्षामित्रों और रसोइयों को दो महीने से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उन्हें आर्थिक समस्या हो रही है। परिषद ने सभी कर्मचारियों को बैंक खाते खुलवाने के निर्देश दिए हैं ताकि मानदेय का भुगतान सीधे किया जा सके और उन्हें जल्द ही भुगतान मिलने की उम्मीद है।

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    दो माह से 10 हजार शिक्षामित्र और रसोइयों को नहीं मिला मानदेय।

    संवाद सूत्र, बाराबंकी। बैंक की गलती के कारण परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्र और रसोइया को दो माह से मानदेय नहीं मिल पाया है। अब बैंक के करीब 10 हजार से अधिक खाते हटाए जाएंगे। दीपावली में आइएफसी कोड बदलने से कर्मचारियों के खाते में भेजा गया मानदेय नहीं पहुंच पाने की बात बताई जा रही है। मानदेय के लिए यह लोग भटक रहे हैं। परिषद ने सभी कर्मचारियों का बैंक खाता राष्ट्रीय कृत शाखाओं में खोलने के निर्देश दे दिए हैं।

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    जिले 2426 परिषदीय विद्यालयों में लगभग 2700 से अधिक शिक्षामित्र और सात हजार रसोइया कार्यरत हैं। इनका मानदेय आर्यावर्त ग्रामीण बैंक से निकलता है। दीपावली में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से मानदेय भेजा गया, लेकिन मानदेय नहीं पहुंचा, सभी की दीपावली फीकी ही रहीं। मानदेय न पहुंचने से कर्मचारी काफी दुखी हुए और अधिकारियों को पत्राचार किया।

    जिलाधिकारी और महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच की, तो पता चला कि ग्रामीण बैंक का आईएफसी कोड बदलने के कारण मानदेय किसी भी कर्मचारी के खाते में नहीं पहुंच पाया है।

    जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि बैंक ने आइएफसी कोड बदलने की जानकारी नहीं दी, यदि मिल जाती तो कोड बेसिक शिक्षा परिषद के पोर्टल से सही करा दिया जाता और शिक्षामित्र और रसोइयों को दिक्कतें न आतीं। रिपोर्ट के आधार पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बीएसए ने आदेश जारी कर दिया है कि ग्रामीण बैंक से खाते हटाकर राष्ट्रीय कृत बैंकों में खोला जाए।

    प्रथम यूपी बैंक, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक और बड़ौदा को मर्ज कर ग्रामीण बैंक बना दिया गया है। यह कार्य मई 2025 में हुआ था, इसके बाद डाटा इंट्री का कार्य चल रहा था। आइएफसी कोड विभाग तक नहीं पहुंच पाया है। इसलिए खाता हटाने का आदेश जारी किया है। बात-चीत चल रही है। बीएसए मान गए हैं। -नवीन अवस्थी, मुख्य प्रबंधक ग्रामीण बैंक, बाराबंकी।

    ग्रामीण बैंक से खाते हटाए हटाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। बैंक की गलती से कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिल पाया है। अब राष्ट्रीय कृत बैंक में खाते खुलवाए जाएंगे। -संतोष देव पांडेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।