Barabanki News: खतरनाक बीमारी ग्लैंडर्स व बर्डफ्लू की होगी जांच, अनुसंधान भेजे गए सैंपल
Dangerous Diseases Glanders and Bird Flu इस बीमारी में पशु के त्वचा में फोड़े नाक के अंदर फटे हुए छाले तेज बुखार आना नाक से पीला कनार व खून आना शुरू हो जाता है। पशुओं से मनुष्य में फैलने के बाद सांस लेने में भी तकलीफ और अधिक खांसी आती रहती है। यह बीमारी लोगों में भी फैल जाती है जिससे संपर्क में आए व्यक्ति की मौत हो जाती है।

संवाद सूत्र, जागरण, बाराबंकी : पशुपालन विभाग की ओर से जिले में खतरनाक बीमारी ग्लैंडर्स और बर्डफ्लू की जांच की जा रही है। संदिग्ध 87 घोड़ा, खच्चर और गधों में होने वाली खतरनाक बीमारी ग्लैंडर्स की जांच के लिए खून का सैंपल हरियाणा भेजा गया है। वहीं, पक्षियों के 180 नमूने बरेली भेजे गए हैं।
छत्तीसगढ़ में लगातार मिल रहे ग्लैंडर्स को लेकर यूपी में हाईअलर्ट जारी है। घोड़ा एक ऐसा पशु है, जिसमें ग्लैंडर्स या फार्सी रोग जल्दी फैलता है, यह लाइलाज बीमारी है। पूरे प्रदेश से घोड़ों की जांच शुरू कर दी गई है। जिले से 87 घोड़ों के खून का नमूना हरियाणा भेजा गया है। 2019 में खतरनाक बीमारी के दस और 2022 में एक घोड़े में लक्षण मिले थे। इन पशुओं को दर्द रहित इंजेक्शन देकर मार कर जमीन में दफन कर दिया गया था।
यह हैं ग्लैंडर्स के लक्षण
इस बीमारी की जांच उत्तर प्रदेश में संभव नहीं है। यहां ऐसी लैब नहीं है, जहां ग्लैंडर्स की जांच हो सके। हरियाणा के हिसार अनुसंधान केंद्र में सैंपल भेजा गया है। इस बीमारी में पशु के त्वचा में फोड़े, नाक के अंदर फटे हुए छाले, तेज बुखार आना, नाक से पीला कनार व खून आना शुरू हो जाता है। पशुओं से मनुष्य में फैलने के बाद सांस लेने में भी तकलीफ और अधिक खांसी आती रहती है। यह बीमारी लोगों में भी फैल जाती है, जिससे संपर्क में आए व्यक्ति की मौत हो जाती है।
टास्क फोर्स ने लिए 180 पक्षियों के नमूने
जिले में मुर्गियों के 173 फार्म संचालित हैं। इसमें नौ लाख 82 हजार 506 पक्षी हैं। तहसीलवार छह टास्क फोर्स गठित कर पक्षियों की रेंडम जांच की गई। अब तक 180 पक्षियों के सैंपल लिए गए हैं। यह नमूने अनुसंधान केंद्र बरेली भेजा गया है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि पक्षियों में खासकर बर्डफ्लू तेजी से फैलता है। संक्रामक होने के कारण से पक्षियों से मनुष्य में भी यह बीमारी फैल जाती है। मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण प्रकट होने के कुछ दिनों के भीतर, निमोनिया और तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम जैसी अधिक गंभीर जटिलताएं विकसित होना संभव है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि पोल्ट्री, प्रवासी पक्षियों का गहनता पूर्वक सर्विलांस किया गया है, जिसमें 180 पक्षियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। फार्म में किसी तरह की अप्रत्याशित मृत्यु नहीं हो रही है। वहीं, ग्लैंडर्स के 87 सैंपल हरियाणा भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मालूम चलेगा कि कौन सी बीमारी जिले में हैं या नहीं।
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