किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध, सरकारी अस्पतालों में लगेगा टीका
किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए सरकार मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रही है। यह टीका सरकारी अस्पतालों में लगाया जाएगा। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है, और टीकाकरण से इसकी रोकथाम की जा सकती है। यह कदम किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
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जागरण संवाददाता, बरेली। किशोरियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के बचाव की निश्शुल्क वैक्सीन लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। इस टीकाकरण के लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने को है। इसके बाद स्थानीय स्तर पर टीमों को तैयार कर बड़े पैमाने पर इस अभियान को शुरू कराया जाना है।
इधर, इस टीकाकरण को सफल बनाने के लिए आशाओं के माध्यम से नौ से 14 वर्ष की आयु वर्ग वाली किशोरियों को भी चिह्नित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीकाकरण अभियान अगले महीने शुरू कराया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए अभी निजी अस्पतालों में वैक्सीन लग रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक इसके लिए टीकाकरण शुरू नहीं कराया गया है।
सर्वाइकल कैंसर के केस बढ़ने के बाद अब शासन गंभीर हो गया है। इसके बाद नौ से 14 वर्ष की किशोरियों के लिए बड़े पैमाने पर निश्शुल्क टीकाकरण अभियान शुरू कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है। यह अभियान किस तरह से चलाया जाना है और इसके लिए क्या गाइडलाइंस हैं, निदेशालय ने इसकी ट्रेनिंग लगभग पूरी करा दी है।
यहां से जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रशांत रंजन इस ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद यहां इस टीकाकरण अभियान को पूरा कराने के लिए टीमें तैयार की जाएंगी। इसके अलावा यह वैक्सीन लगाने का लक्ष्य क्या होगा, इसके लिए जिलेभर की आशाओं को चिह्निकरण के लिए लगाया गया है।
ये दिखाई देते हैं लक्षण
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के सबसे नीचे के भाग का घातक ट्यूमर होता है, जो गर्भाशय के निचले हिस्से से शुरू होता है, जिसे गर्भाशय ग्रीवा कहते हैं। ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होता है। यह कैंसर शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे यह गंभीर होता जाता है, लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे पैर में सूजन होना, अनियमित पीरियड्स आना, अत्यधिक रक्तस्राव होना, पेशाब करने में परेशानी होना आदि।
अभी दो से 12 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे
निजी अस्पतालों में यह टीका लगवाना काफी महंगा पड़ता है। स्ट्रेन के अनुसार, सर्वारिक्स वैक्सीन लगवाने के लिए लगभग 2,000 रुपये, जबकि गार्डासिल-9 वैक्सीन के लिए 10 से 12 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। यह वैक्सीन महंगी होने से आम मरीजों के लिए इसे लगवाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि, शासन से मुफ्त टीका लगने से काफी राहत मिलेगी।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को नौ से 14 वर्ष आयु वर्ग की बालिकाओं को चिह्नित किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रशिक्षण पूरा करने के बाद शासन के निर्देशानुसार टीकाकरण अभियान शुरू कराया जाएगा। साथ ही आशाओं के माध्यम से बालिकाओं का चिह्नीकरण कराया जा रहा है।
– डा. विश्राम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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