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    42 घंटे डिजिटल अरेस्ट और 70 लाख की मांग.... परिवार की सूझबूझ से बचा रिटायर्ड बैंक मैनेजर के अकाउंट

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 09:07 PM (IST)

    बरेली में एक सेवानिवृत्त महिला बैंक मैनेजर साइबर ठगी का शिकार होते-होते बचीं। ठगों ने उन्हें पहलगाम हमले में मददगार बताकर 70 लाख रुपये की मांग की। परिवार की समझदारी से पुलिस ने महिला के खातों को सुरक्षित किया और उन्हें ठगी से बचाया। एसपी सिटी ने मौके पर पहुंचकर ठगों से बात की जिससे वे भाग गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    डिजिटल अरेस्ट होने की महिला से बातचीत करते एसपी सिटी मानुष पारीक।

    जागरण संवाददाता, बरेली। 42 घंटे से डिजिटल अरेस्ट और 70 लाख रुपये की मांग....। परिवार ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो सेवानिवृत महिला बैंक मैनेजर के सभी खाते खाली हो चुके होते।

    परिवार के महज एक फोन काल से पुलिस ने न सिर्फ महिला के बैंक सभी खातों को सुरक्षित किया बल्कि पिछले दो दिनों से जी रही दहशत की जिंदगी से भी उन्हें बाहर निकला। मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने सेवानिवृत बैंक मैनेजर के सामने ही जब साइबर ठगों से बात की तो वह काल काटकर भाग गए। तब उन्हें समझ आया कि वह ठगों के चंगुल में थी।

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    प्रेमनगर थाना क्षेत्र के एकता नगर निवासी गुलशन बैंक आफ बड़ौदा से सेवानिवृत बैंक मैनेजर हैं। उन्होंने शादी नहीं की, अपने भाई और भाभी के साथ ही रहती हैं। 11 अगस्त को दोपहर करीब तीन बजे उनके मोबाइल फोन पर एक अंजान नंबर से फोन आया। काल करने वाले ने खुद को पहलगाम थाने से बात करना बताया।

    कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके मोबाइल फोन खरीदे गए हैं जिनका प्रयोग हाल ही में हुए अटैक में किया गया था। कहा कि उनका संबंध आइएसआइएस से जुड़ रहा है। यह सुनते ही गुलशन घबरा गई, उन्होंने जब इस बात से इन्कार किया तो ठगों ने उन्हें और भी धमकाना शुरू कर दिया।

    कहा कि यदि विवेचना में यह बात साबित होती है कि उनकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं हैं तो पहलगाम पुलिस की तरफ से उन्हें एक NIC (नो इन्वालमेंट सर्टिफिकेट) जारी किया जाएगा। इसके बाद साइबर ठगों ने कहा कि उनकी काल पुणे एटीएस को ट्रांसफर की जा रही है। वही इस मामले में आगे की विवेचना करेंगे।

    इसके बाद ठगों ने एटीएस बनकर बात की और गुलशन को धमकाना शुरू कर दिया। उनसे उनके सभी बैंक खातों, प्रापर्टी, ज्वैलरी, एफडी आदि सभी की जानकारी ले ली। वह 70 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। अगला स्टेप उनका रुपये ट्रांसफर कराने का था। लगातार दो दिनों से फोन काल पर लगे रहने और चेहरे पर परेशान देख परिवार वाले कुछ समझ गए।

    महिला के भाई ने तत्काल ही डायल 112 को फोन किया और कहा उन्हें लगता है कि उनकी बहन को डिजिटल अरेस्ट किया गया है। इस सूचना पर तत्काल ही एसएसपी अनुराग आर्य ने संज्ञान लिया और एसपी सिटी मानुष पारीक को मौके पर भेजा। जब वह पहुंचे तो भी साइबर ठग गुलशन के साथ वीडियो काल पर जुड़े हुए थे। इसके बाद एसपी सिटी ने बात की तो वह समझ गए और फोन काल काट दिया।

    आइपीएस का कैप और इंस्पेक्टर के लगाए थे सितारे

    एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि उन्होंने गुलशन के घर पहुंचकर स्वयं साइबर ठगों से बातचीत की। खुद को एटीएस का बताने वाले ठगों ने आइपीएस की कैप और इंस्पेक्टर के स्टार अपनी वर्दी पर लगाए थे। जब एसपी सिटी ने उनसे एटीएस के बारे में पूछना शुरू किया और उनकी जानकारी निकाली तो वह घबरा गए।

    एसपी सिटी ने उनसे उनकी वर्दी के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने काल काट दी। इसके बाद गुलशन को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगों के चंगुल में थी। मामले में अब पुलिस उन नंबरों की जानकारी जुटाने में लगी है।

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