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    18 साल से फरार एक लाख के इनामी डकैत को बरेली एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, मुंबई-दिल्‍ली को बना लिया था ठिकाना

    By Vivek BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jul 2022 07:17 PM (IST)

    Bareilly Crime News एसटीएफ बरेली यूनिट प्रभारी अजय पाल सिंह ने बताया कि कमर अली की तलाश में टीम लंबे समय से जुटी हुई थी। इसी बीच आरोपित के डोहरा रोड शिव मंदिर के पास होने की जानकारी मिली। तय निशानदेही पर आरोपित को धर लिया गया।

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    Bareilly Crime News: 18 साल से फरार चल रहा इनामी डकैत।

    बरेली, जागरण संवादाता। Bareilly Crime News: 18 साल से फरार डकैत कमर अली ने मुंबई को ठिकाना बना रखा था। फरारी के दौरान उसने लखनऊ और दिल्ली में भी शरण ले रखी थी। मंगलवार को जैसे ही वह बरेली पहुंचा। बरेली एसटीएफ (Bareilly STF) ने उसे धर लिया। आरोपित कमर अली रामपुर कोतवाली के मियांजान गप्पी गली का रहने वाला है।

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    एसटीएफ बरेली यूनिट प्रभारी अजय पाल सिंह ने बताया कि कमर अली की तलाश में टीम लंबे समय से जुटी हुई थी। इसी बीच आरोपित के डोहरा रोड शिव मंदिर के पास होने की जानकारी मिली। तय निशानदेही पर आरोपित को धर लिया गया। आरोपित ने जिले में साथियों संग मिलकर बारादरी, आंवला में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था।

    मामले में अन्य आरोपित जेल चले गए। कई ने सरेंडर कर दिया जबकि कमर अली भाग खड़ा हुआ। वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। पूछताछ में उसने बताया कि फरारी के दौरान उसने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में समय बिताया। मंगलवार को किसी काम से बरेली पहुंचा था। आरोपित को एसटीएफ ने बारादरी पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उसके पास से तमंचा कारतूस व 770 रुपये बरामद किए गए हैं। बारादरी पुलिस आरोपित को जेल भेजेगी।

    वर्ष 2000 में पड़ोसी की गोली मारकर कर दी थी हत्या

    कमर अली ने वर्ष 2000 में पड़ोसी बच्छन व लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले में उसके साथ उसका भाई नन्हें, गुड्डू एवं भाजा जमीर भी नामजद हुआ। आरोपित गिरफ्तार होकर जेल चले गए। कुछ दिनों बाद सबकी जमानत हो गई। जमानत पर छूटने के बाद कमर अली अपने भाई सलीम व साथी मोहम्मद अफसर उर्फ नन्हें निवासी नीम वाली गली बारादरी, मतलूम निवासी आंवला, आसिफ, इदरीश और गुड्डू निवासी सेमलखेड़ा बारादरी के साथ मिलकर डकैती घटना को अंजाम देने लगे। वारदात में आरोपित जेवर व नगदी लूटते थे।

    साल 1994 से आपराधिक इतिहास, दर्ज हैं 28 मुकदमे

    कमर अली का लंबा आपराधिक इतिहास है। साल 1994 में उस पर रामपुर के गंज थाने में आर्म्स एक्ट में पहला मुकदमा लिखा गया। इसके बाद एक के बाद एक उस पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती जैसे जघन्य अपराधों में मुकदमा हुआ। उस पर दिल्ली, बरेली, रामपुर के कई थानों में कुल 28 मुकदमे हैं।

    20 मई वर्ष 2004 में बारादरी में डाली थी डकैती

    20 मई वर्ष 2004 में कमर अली ने गिरोह संग सेमलखेड़ा में नवी अहमद के घर डकैती डाली थी। नवी व उसके घर वालों ने विरोध किया तो आरोपितों ने उसके बेटे सब्बीर अहमद उर्फ राजा पर फायर झोंक दिया जिसमे वह घायल हो गया। इसके बाद डकैत घर से जेवर व नकदी लूट ले गया।

    बारादरी पुलिस ने घटना का अनावरण किया। छह आरोपितों मो. अफसार उर्फ नन्हें निवासी काजीटोला, कमर अली उर्फ कमर, सलीम उर्फ नन्हा, मतलूब निवासी कस्बा आंवला, आसिम व इदरीश खां उर्फ गुड्डू निवासी सेमलखेड़ा के नाम सामने आए। कमर को छाेड़कर सभी आरोपित हत्थे चढ़े। गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट भी लग गई।

    आइजी की पहल पर खुली फाइल

    आइजी की पहल पर लंबे समय से फरार अपराधियों की तलाश शुरू हुई। इसी में सबसे पहला नाम आया कमर अली का। आइजी रेंज रमित शर्मा ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया। एसटीएफ उसकी तलाश में जुट गई। इधर, बाद में आरोपित के विरुद्ध एडीजी राजकुमार ने एक लाख का इनाम घोषित किया था।