स्वच्छ हवा की ओर बरेली का कदम, फुटपाथ से शहरी वन तक एनकैप ने धूल पर लगाया ब्रेक
एनकैप के तहत बरेली में उठाए गए कदमों से शहर की हवा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 96 किमी फुटपाथ पक्का करने, 44 एकड़ में पौधारोपण और मैकेनिकल रोड सफाई से पीएम-10 प्रदूषण में 50% तक कमी दर्ज की गई है। इन प्रयासों से बरेली की स्वच्छ वायु रैंकिंग 18वें स्थान से सातवें स्थान तक उन्नति हुई है।
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जागरण संवाददाता, बरेली। शहर की हवा सुधारने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम अहम भूमिका निभा रहा है। परियोजना के तहत शहर के ऐसे मार्ग जिन पर धूल-मिट्टी अधिक उड़ते थे उन्हें पक्का कर फुटपाथ किनारे के हिस्से पर पौधारोपण कर दिया गया। पीलीभीत रोड, रामपुर रोड, एयरपोर्ट रोड, बदायूं रोड समेत कई अन्य मार्गों पर सड़क चौड़ीकरण, नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण के साथ फुटपाथ टाइलीकरण का कराया गया।
इसके परिणाम स्वरुप शहर की हवा में भी काफी बदलाव देखने को मिला। बीते दिनों पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के तहत देश के 130 शहरों की जारी रैंकिंग (तीन से दस लाख की आबादी वाले शहर) में बरेली को सातवां पायदान हासिल हुआ था।
शहर की स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रैंकिंग में वर्ष-2024 में 18वीं रैंक थी। जिसके बाद छोटे-छोटे प्रयासों ने शहर की हवा सुधारने के साथ रैंकिग को भी सुधारी। पर्यावरण अभियंता राजीव कुमार राठी ने बताया कि वर्ष-2019-20 में शहर का 185 एक्यूआइ था, जो वर्तमान में घटकर 73 हो गया है।
बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकैप) के तहत शहर में करीब 96 किमी. फुटपाथ को पक्का किया गया, जिससे सड़कों से धूल का स्तर घटा है। सड़कों के किनारे 44 एकड़ में पौधारोपण एवं मियावाकी पद्धति से शहरी वन बन रहे हैं। मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन के द्वारा हर दिन 50 किमी. तक शहर की सड़कों की सफाई की जाती है।
साथ ही धूल को कम करने के लिए दो एंटी स्माग गन और वाटर स्प्रिंकलर मशीनें भी लगाई गई हैं। वनखंडीनाथ-सुभाषनगर में वाटिका के जरिए पर्यटन विकास क साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया जा रहा है। इससे पीएम-10 के स्तर में भी 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि शहरी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन की ओर से स्वच्छ वायु सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके जरिए शहरों में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रयासों में प्रतिद्वंदिता हो रही। जो आमजन के लिए शुद्ध हवा उपलब्ध कराने में अहम साबित हो रहा।
एनकैप के तहत किए जा रहे प्रयास
| व्यस्त ट्रैफिक और उच्च एक्यूआइ के दौरान एंटी स्माग गन का उपयोग |
| आइसीसीसी कैमरों के जरिए जीवीपी और एमएसडब्ल्यू जलने वाले हाटस्पाट की निगरानी |
| ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए घर-घर अभियान |
| हरित स्थानों, यातायात गलियारों व सड़क किनारे पौधारोपण |
| भीड़भाड़ कम करने के लिए यातायात जंक्शनों में सुधार |
| श्मशान घाटों में वायु प्रदूषण नियंत्रण |
| वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण की स्थापना |
| सड़कों पर गाद के भार का आकलन को वैज्ञानिक विधि से अध्ययन |
| मियावाकी पद्धति से 20 एकड़ में पौधारोपण |
शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए फुटपाथ-सड़कों के विकास संग पौधारोपण किया जा रहा है। साथ ही भीड़भाड़ कम करने के लिए यातायात जंक्शन में भी सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। सामूहिक एवं सार्वजनिक गतिविधियों के लिए स्कूलों और कालेजों में जागरुकता अभियान चलाकर आमजन को भी सहभागी बनाया जा रहा।
- संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त

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