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    एक समय था जब मधुर भंडारकर मुंबई में कैसेट की होम डिलीवरी करते थे, फिल्म निर्देशक ने छात्रों से साझा की अपनी जिंदगी के पल

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 21 May 2021 07:58 AM (IST)

    इंवर्टिस विवि द्वारा बॉलीवुड जगत के मशहूर निर्देशक पद्मश्री मधुर भंडारकर को अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम एकाउंट पर लाइव आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के एमबीए के मेधावी छात्र करण नेहलानी ने किया। जिसमें भंडारकर से उनकी ज़िंदगी से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातों पर बात की गई।

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    इंवर्टिस विवि द्वारा मधुर भंडारकर को अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम एकाउंट पर लाइव आमंत्रित किया गया।

    बरेली, जेएनएन। इंवर्टिस विवि द्वारा बॉलीवुड जगत के मशहूर निर्देशक पद्मश्री मधुर भंडारकर को अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम एकाउंट पर लाइव आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के एमबीए के मेधावी छात्र करण नेहलानी ने किया। जिसमें भंडारकर से उनकी ज़िंदगी से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातों पर बात की गई। एक आम आदमी से इतने बड़े निर्देशक बनने तक का सफर कैसे तय किया इस बात पर भी चर्चा की गई।

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    मधुर भंडारकर से सवाल पूछा गया कि आपका बचपन कैसा रहा। उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही फिल्मों का बहुत शौक था। एक दीवानगी सी थी उन्हें फिल्में देखने की। इसके बाद मधुर भंडारकर ने अपने जीवन के संघर्ष के बारे में बताया।कहा कि उनकी शिक्षा कम रही है। लेकिन उन्हें किताबें पढ़ने का बहुत शौक था, जिससे उनकी सोच में बदलाव हुआ।  फ़िल्म इंडस्ट्री में आकर करियर बनाना कठिन है। वह भी तब जब आपका इंडस्ट्री में कोई बैकग्राउंड न हो।शुरुआत में उन्होंने कैसेट बेचेे और उसकी होम डिलीवरी तक की। फिल्मों की शुरुआती जानकारी उन्हें इसी व्यवसाय से हुई।

    मधुर ने कहा कि उनका संघर्ष इतना आसान नहीं रहा, एक बहुत लंबा रास्ता था जिसे तय करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बहुत बार होता है कि आप हताश हो जाते है। विशेषतौर से ग्लैमर इंडस्ट्री में, यहां संघर्ष करना पड़ता है और मुंबई आकर यहां संघर्ष शुरू होता है। हालांकि मैं मुंबई से ही हूं फिर भी मेरा संघर्ष आसान नहीं रहा। अभिनेता से ज्यादा निर्देशक का कार्य कठिन होता है। पूरी पिक्चर उसके हाथ में होती है। मेरी जब पहली पिक्चर फ्लॉप हुई, तो हताशा हुई थी। लेकिन फिर चांदनी बार ने मुझे हौसला दिया। जब उसे नेशनल अवार्ड मिला तो मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। जब मैने पेज-3, ट्रैफिक सिग्नल, कॉरपरेट और फैशन जैसी फिल्मों का निर्देशन करके मुझे लोगों का भरपूर सहयोग व प्यार मिलता रहा।

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