कॉलेजों ने नहीं दिए संबद्धता प्रमाणपत्र, रुविवि में 12 कॉलेजों के छात्रों की स्कॉलरशिप का काम अटका
12 कॉलेजों की लापरवाही से रुवि योजना के तहत छात्रों की छात्रवृत्ति खतरे में है। कॉलेजों द्वारा समय पर दस्तावेज अपलोड न करने के कारण छात्रों को बिना दस ...और पढ़ें

फाइल फोटो
हिमांशु अग्निहोत्री, बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में इन दिनों छात्रवृत्ति के फार्म भरे जा रहे हैं। इनके डाटा सत्यापन के लिए विवि को पांच दिसंबर तक का समय दिया गया है, लेकिन कालेजों की ओर से पाठ्यक्रम का संबद्धता प्रमाणपत्र समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने में आनाकानी की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी छात्रवृत्ति का डाटा जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दे रहे हैं, ऐसे में विवि ने कालेजों के डाटा को बिना प्रपत्र के सत्यापित करने की अनुमति जिला समाज कल्याण अधिकारी से मांगी है।
विश्वविद्यालय को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति सत्र 2025-26 में शिक्षण संस्थाओं की ओर से डिजिटल लाक किए गए पाठ्यक्रम, पाठयक्रम के प्रकार, सीटों की संख्या और फीस आदि को सत्यापित करने के लिए पांच दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसमें सबसे अधिक समस्या विद्यार्थियों के मास्टर डाटा लाक करने के दौरान आ रही है।
जहां अब तक बरेली और मुरादाबाद मंडल के 12 कालेज सामने आए हैं, जिनका नाम छात्रवृत्ति पोर्टल पर दिख रहा है, लेकिन वह विवि में अपने दस्तावेजों के साथ संपर्क नहीं कर रहे हैं। जबकि शिक्षण संस्थाओं द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड किए गए पत्रों को प्रदर्शित होने में काफी समय लगता है।
लगातार हो रहीं बैठकों से बन रहा दबाव
विवि से जुड़े अधिकारी ने बताया, जिला अधिकारी और मंडल आयुक्त की ओर से की जा रहीं बैठकों में कालेजों का डाटा सत्यापित करने का निर्देश दिया जा रहा है। वहीं, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, रामपुर, सभल, अमरोहा और बिजनौर के जिला समाज कल्याण अधिकारी पत्र और फोन कर लंबित डाटा को पूरा करने के लिए कह रहे हैं। ऐसी स्थिति में विवि ने शिक्षण संस्थाओं का डाटा बिना प्रपत्र को सत्यापित किए बढ़ाने की अनुमति मांगी है।
छात्रवृत्ति संबंधी आवेदनपत्र को अग्रसारित करने के लिए कालेजों से दस्तावेज मांगे गए हैं। अब तक 12 कालेजों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने पाठ्यक्रम संबद्धता प्रमाणपत्र नहीं उपलब्ध कराए हैं। इससे सत्यापन में दिक्कत हो रही है। लापरवाही करने वाले कालेजों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- डा. अमित सिंह, मीडिया सेल प्रभारी, रुहेलखंड विश्वविद्यालय

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