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    Basti News: जर्जर भवन में डाकघर, टपकती है छत, कंप्यूटर बचाना भी मुश्किल, बुनियादी सुविधाओं का अभाव

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 03:21 PM (IST)

    बस्ती का कचहरी उप डाकघर जर्जर भवन में चल रहा है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। छत से सरिया निकली है और बारिश में पानी टपकता है जिससे कंप्यूटरों को बचाना मुश्किल है। रास्ते में कीचड़ और जलभराव के कारण ग्राहकों को परेशानी होती है। कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। भवन की हालत दयनीय होने के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है।

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    जर्जर भवन में डाकघर, टपकती है छत, कंप्यूटर बचाना भी मुश्किल

    जागरण संवाददाता, बस्ती। कचहरी उप डाकघर किराये के एक छोटे से भवन में संचालित हैं। भवन इतना जर्जर है कि कभी भी जमींदोज हो सकता है। छत से सरिया दिखाई पड़ रही है। वर्षा होते छत टपकने लगती है, जिसके कारण कंप्यूटर उपकरण बचाना डाककर्मियों के लिए मुश्किल हो गया है।

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    रास्ते में जलभराव व कीचड़ की समस्या ग्राहकों को डाकघर पहुंचने में कठिनाई पैदा करती हैं। जबकि इस डाकघर पर कलेक्ट्रेट, विकास भवन, जनपद न्यायालय के सरकारी डाक वितरण व बुकिंग की जिम्मेदारी है।

    इस डाकघर पर प्रतिदिन औसतन 200 रजिस्टर्ड पत्र व स्पीड पोस्ट की बुकिंग होती है। यहां 100 से 120 ग्राहक नियमित जमा निकासी करते हैं। इसके बावजूद उप डाकघर तक पहुंच पाना ही सबसे कठिन है। सड़क पर जमा गंदा पानी व कीचड़ ग्राहकों का स्वागत करता है।

    किसी तरह इससे बचकर ग्राहक उपडाकघर पहुंच गए तो काउंटर पर टीनशेड के नीचे खड़ा होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। छोटे से कक्ष में एक पोस्टमास्टर, दो डाक सहायक, एक एमटीएस के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। डाककर्मियों को पीने के लिए पानी की सुविधा मयस्सर नहीं है।

    जार का पानी यदि नहीं मिला तो कर्मचारियों को बिना पानी पीने रहना पड़ता है। शौचालय ऐसा की कोई उधर झांकने न जाए पर कर्मचारियों की मजबूरी है। वर्षा के समय कक्ष के अंदर कंप्यूटर उपकरणों को बचाना डाककर्मियों के लिए चुनौती होती है। पानी टपकने व दीवार में सीलन के चलते उपकरण आन-आफ नहीं होते।

    उपडाकपाल के मेज पर लगे कंप्यूटर सेट के सीपीयू को बार-बार ठोकना पड़ता है, तब इसके अंदर करंट प्रवाहित होता है और सेट ऑन होता है। जमा निकासी काउंटर पर लगे कंप्यूटर सेट की भी हालत ऐसी ही है।

    इस तरह की व्यवस्था में कर्मचारियों को शनिवार को शिविर में आधार कार्ड भी बनाना पड़ता है। यदि चार-पांच लोग आधार कार्ड बनवाने आ गए तो कक्षा में बैठने की कौन कहे खड़ा होने की जगह नहीं है। दीवार पर लटकते तार डाककर्मियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।

    भवन की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इस डाकघर पर काम भी अधिक है। जो भी संसाधन हैं उसमें ग्राहकों को डाक सुविधाएं दी जा रही हैं।

    -दयाशंकर यादव, उपडाकपाल