Basti News: चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, 30 साल भी नसीब न हो सका खुद का भवन
शहर के कोर्ट एरिया में संचालित 15 बेड वाला राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। यहां चिकित्सक के दो पद स्वीकृत है लेकिन एक की तैनाती है। पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी मरीजों के इलाज की राह में बाधा बनी हुई है। अस्पताल की स्थापना वर्ष 1992 में हुई। तभी से यह अस्पताल किराए के भवन में संचालित हो रहा है।

जागरण संवाददाता, बस्ती: शहर के कोर्ट एरिया में संचालित 15 बेड वाला राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। यहां चिकित्सक के दो पद स्वीकृत है लेकिन एक की तैनाती है। पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी मरीजों के इलाज की राह में बाधा बनी हुई है।
30 साल बाद भी अस्पताल को नहीं मिला खुद का भवन
अस्पताल की स्थापना वर्ष 1992 में हुई। तभी से यह अस्पताल किराए के भवन में संचालित हो रहा है। 30 साल बाद भी अस्पताल को खुद का भवन नसीब नहीं हो पाया है। यह हाल तब है जब कोविड संक्रमण के दौरान सबने आयुर्वेदिक महत्व काफी करीब से देखा और समझा है।
आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी वीके श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पास ही क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी का भी कार्यभार है। बताया कि गर्मी के चलते रोगियों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल में चर्म व जोड़ो के दर्द वाले रोगी पहुंच रहे हैं। रोजाना वह 35 से 40 रोगियों का इलाज करते हैं। शनिवार को वो दिन में एक बजे तक 25 रोगियों को देख चुके थे।
चिकित्सक की कमी के चलते जूझ रहे मरीज
श्रीवास्तव ने बताया कि चिकित्सक की कमी के चलते थोड़ी परेशानी होती है। फिलहाल उपलब्ध संसाधन से ही बेहतर परिणाम देने की कोशिश की जा रही है। बताया कि अस्पताल में स्टाफ नर्स के तीन पद स्वीकृत हैं लेकिन इसके सापेक्ष महज एक की ही तैनाती है। वहीं चीफ फार्मासिस्ट का पद खाली है जबकि फार्मासिस्ट की तैनाती है।
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