नई पीढ़ी को अपने अनुभव के आधार पर कृषि क्षेत्र से जोड़ें किसान: राज्यपाल ने कृषि विज्ञान केंद्र पर किसानों से की बात
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बस्ती में कृषि विज्ञान केंद्र पर किसानों से बात करते हुए नई पीढ़ी को कृषि से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़कर देश को सशक्त बनाया जा सकता है। राज्यपाल ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी संतानों में से एक को कृषि से अवश्य जोड़ें।

जागरण संवाददाता, बस्ती। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया पहुंचीं। उन्होंने प्रगतिशील किसानों को संबोधित किया। राज्यपाल ने कहा कि युवा पीढ़ी को कृषि क्षेत्र से जोड़कर देश को और सशक्त बनाया जा सकता है। आज नई पीढ़ी को हम सभी अपने अनुभव के आधार पर कृषि क्षेत्र से जोड़ सकते हैं।
किसानों से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यदि हमारे पास दो संतान हैं तो हमें एक से नौकरी या रोजगार करना चाहिए तो दूसरे को कृषि से जोड़ना चाहिए। जब देश का कृषि क्षेत्र सशक्त होगा तो उसका प्रभाव राष्ट्रव्यापी होगा। युवा पीढ़ी आज कृषि से जुड़कर कल के भारत को और मजबूत बनाने में अपना बेहतर योगदान दे सकती है।
कहा कि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हर वर्ष बड़ी संख्या में किसानों की असमय मृत्यु हो जाती है। ऐसे में देश के अंतरिक्ष से जुड़े वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित करने का प्रयास किया जा रहा जिससे आकाशीय बिजली को लेकर पहले से सूचनाओं मिल सकेंगी। उन्होंने हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटे सुधांशु शुक्ल के बारे में भी चर्चा की।
राज्यपाल ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कहा कि हमें उन्हें पौष्टिक आहार देना चाहिए। जिससे कि उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सके। कहा कि आज अमेरिकी सरकार लगातार भारत पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज स्वदेशी उत्पाद का बाजार बड़ा है।
अमेरिका में गाय को मांस खिलाया जाता है, जबकि भारत में गाय हरा चारा खाती है। ऐसे में अमेरिका के डेयरी उत्पादन को लेकर भारत में लगातार प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यही कारण है कि अमेरिका की तरफ से नाराजगी व्यक्त की जा रही है।
राज्यपाल ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन के शुरुआती दौर में खेती से जुड़े रहने के कारण बहुत कुछ सीखने और जानने को मिला है। कृषि के क्षेत्र में लगातार लोगों को नवाचार करने के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
बताया कि कुछ दिन पूर्व बस्ती से गए हुए लालिमा प्रजाति के आम को खाने का अवसर मिला था। तभी से उत्सुकता थी कि एक बार इस केंद्र पर जरूर पहुंच कर जानकारी ली जाए। उन्होंने यहां प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया।
कहा कि जो किसान बेहतर उत्पादन कर रहे हैं। वह लोग भवन में आकर अपने उत्पाद का प्रचार प्रसार करने के साथ स्टाल लगा सकते हैं।
कृषि से जुड़ी समस्याओं की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यहां जलवायु खेती के अनुकूल है, लेकिन जिन स्थानों पर पानी की कमी और दूसरी समस्याएं हैं, वहां के किसान अधिक परेशान हैं। हम सबको सामूहिक रूप से प्रयास करना चाहिए कि कृषि को सशक्त बनाने के साथ कृषि उत्पादों को बड़ा मंच दिया जाए, जिससे कि किसान संपन्न हो सके और कृषि क्षेत्र का विस्तार हो।
राज्यपाल ने बच्चों की सेहत को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम सब की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों की सेहत को लेकर गंभीर रहें। उन्हें अच्छी चीजें खाने को दी जाए। उनकी सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाए। जब वह शुरुआती दौर में अच्छे खान-पान और दिनचर्या के साथ आगे बढ़ेंगे तो वह बेहतर स्वास्थ्य के साथ जीवन में बहुत कुछ अच्छा करने के लायक बन सकेंगे।
उन्होंने समाज के कमजोर, गरीब और अनाथ बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए लोगों से अपील की। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 12 किसानों ने अपने अलग-अलग कृषि उत्पाद भेंट किए।
इस दौरान राज्यपाल के द्वारा पांच प्रगतिशील किसानों को अंगवस्त्र और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व राज्यपाल ने केंद्र पर लगे स्टाल का अवलोकन किया और गन्ना पेराई मशीन चलाकर दिखा।
राज्यपाल ने अपनी मां के नाम से कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया पर एक आम का पौधा रोपित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आनंद देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह ने की।
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