यूपी के इस जिले में चमक रही थी सोलर प्लेट, सेटेलाइट ने दे दी आग लगने की सूचना और फिर...
Bijnor news : बिजनौर जिले में किसान फसल अवशेषों को खाद में बदलकर भूमि की उर्वरता बढ़ा रहे हैं। धान की कटाई के बाद भी पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है। सैटेलाइट से निगरानी के दौरान नगीना क्षेत्र में एक सोलर प्लांट को आग समझ लिया गया था। कृषि विभाग के अनुसार किसानों को जागरूक करने से सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।

बिजनौर में चमक रही थी सोलर प्लेट, सेटेलाइट ने दे दी आग लगने की सूचना (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बिजनौर। जिले के किसान भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए फसलों के अवशेष को गलाकर खाद बना रहे हैं। धान की कटाई और छिताई शुरू हुए कई दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है। फसल अवशेष जलाने की निगरानी कर रही सेटेलाइट ने जिले में आग लगने का एक मामला भेजा था। जांच की गई तो दिए गए कोआर्डिनेट्स पर सोलर पैनल लगा मिला। सूचना गलत निकली।
पराली जलाने से रोकने को की जाती है सेटेलाइट से निगरानी
काफी किसान पहले पराली और पत्ती को जला देते थे। पराली को जलाने से रोकने के लिए अब सेटेलाइट द्वारा निगरानी की जाती है। खेतों में जहां भी आग लगाई जाती है वह सेटेलाइट की पकड़ में आ जाता है।
नगीना क्षेत्र का है मामला
सेटेलाइट द्वारा आग लगने वाले स्थान के कोआर्डिनेट्स यानि अक्षांश व देशांतर की जानकारी भेज दी जाती है। इसके बाद तहसील व कृषि विभाग की टीम द्वारा इसका सत्यापन कराया जाता है। दो दिन पहले सेटेलाइट से नगीना क्षेत्र के गांव मिर्जा अलीपुर चौहड़ में फसल अवशेष जलाने के कोआर्डिनेट्स भेजे गए। जांच की गई तो पता चला कि वहां पर बड़ा सोलर प्लांट लगा है। सेटेलाइट ने सोलर प्लांट की चमक को आग समझकर कोआर्डिनेट्स भेज दिए।
पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया
उपनिदेशक कृषि डा. घनश्याम वर्मा ने कहा कि जिले में इस वर्ष में अब तक पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। किसानों को फसल अवशेष गलाकर खाद बनाने को जागरूक किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
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