जिसे 9 साल पहले गंगा प्रवाहित किया, वो जिंदा लौट आया; बेटे को देखकर फूट-फूटक रोने लगा पिता
राजा का ताजपुर के रामखेड़ा गांव में नौ साल पहले सांप काटने से मृत घोषित सोनू नामक युवक के जीवित लौटने से सनसनी फैल गई। परिजनों ने उसे गंगा में प्रवाहित कर दिया था लेकिन नागा साधुओं ने उसकी जान बचाई। हरिद्वार-ऋषिकेश में रहने के दौरान वह अपनी पहचान भूल गया था। अब वह अपने गुरु के साथ गांव लौटा है जिसे देखने लोग आ रहे हैं।

संवाद सूत्र, राजा का ताजपुर। क्षेत्र के गांव रामखेड़ा गांव में हुई घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन रही है और लोग गांव पहुंचकर नौ साल बाद घर पहुंचे युवक से मिल रहे हैं। गांव निवासी युवक को नौ साल पहले सांप ने काट लिया था। तब स्वजन ने उसे मृत मानकर गंगा में प्रवाहित कर दिया था। लेकिन साधुओं ने उसकी जान बचा ली।
गांव रामखेड़ा निवासी पप्पू सिंह के पुत्र सोनू को करीब नौ साल पहले सांप ने काट लिया था। तब स्वजन ने उसका झांकफूंक कराने वालों से उपचार कराया, लेकिन सोनू की बेहोशी नहीं टूट सकी। बाद में स्वजन व ग्रामीणों ने उसे मृत मान लिया और धार्मिक परंपरा के अनुसार उसका जल प्रवाह गंगा बैराज पर कर दिया गया।
मामले में नौ साल बाद अब नया मोड तब आया जब नहटौर के सराय गांव में सोनू एक कार्यक्रम में बीन बजाते हुए दिखाई दिया। वहां पर गांव की एक लड़की ने उसे पहचान लिया स्वजन को सूचना दी। रामखेड़ा गांव में सोनू के जिंदा होने की जानकारी होने पर स्वजन व ग्रामीण सराय पहुंचे।
यहां बेटे को सामने देखकर पिता और भाई फूट-फूटकर रो पड़े। सोनू ने भी अपने स्वजन को पहचान लिया। बातचीत में उसने बताया कि सांप के काटने के बाद वह बेहोश हो गया था। गंगा से निकालकर नागा अमरनाथ साधुओं ने उसकी जान बचाई और उसे हरिद्वार-ऋषिकेश जैसे तीर्थ क्षेत्रों में साथ रखा, लेकिन तब वह पहचान भूल गया।
इस दौरान उसकी मां की मौत हो चुकी है। पूरे क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सोनू अपने गुरु राजूनाथ के साथ गांव पहुंचा है। युवक को देखने के लिए रिश्तेदार व ग्रामीणा आ रहे हैं।
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