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    119 गायों की हत्या मामले में 25 दोषियों को 7-7 साल की जेल, 20 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:10 PM (IST)

    बुलंदशहर की अदालत ने 119 गायों की हत्या और गैंगस्टर एक्ट के मामले में 25 दोषियों को सात-सात साल की कैद और 15050-15050 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला 2005 का है, जब कोतवाली देहात पुलिस ने अकबरपुर-कमालपुर के जंगल में कई गायों को मृत पाया था। पुलिस ने मौके से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। अदालत ने सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। अदालत ने 119 गायों की हत्या एवं गैंग्स्टर एक्ट के मामले में 25 दोषियों को सात-सात वर्ष के कारावास और 15050-15050 रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। अदालत ने 14 नवंबर को सभी आरोपितों को दोषियों को करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।

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    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश कुमार और अजी कुमार सक्सेना ने बताया कि दो मई 2005 की देर रात थाना कोतवाली देहात पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर क्षेत्र के गांव अकबरपुर-कमालपुर के जंगल स्थित खेत से 119 गाय मृत एवं नौ गाय जिंदा तथा गौवध के अवशेष व उपकरण बरामद किए थे।

    पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मौके से इकराम, इरफान पुत्र अहसान, यामीन और सलीम पुत्र हनीफ को गिरफ्तार किया। थाने के तत्कालीन वरिष्ठ उन निरीक्षक रमेशचंद शर्मा ने 20 नामजद और दस अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने 30 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था।

    पुलिस ने गिरफ्तार सभी आरोपितों के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। सुनवाई के दौरान आरोपित हनीफ पुत्र इस्लाम की मृत्यु हो गई, जबकि इब्राहिम पुत्र नूर मोहम्मद, युसूफ पुत्र युनूस वाजिद पुत्र आबिद और हबीब पुत्र हनीफ की पत्रावली पृथक कर दी गई। मामला सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय गैंग्स्टर एक्ट एवं एडीजे अष्ठम की अदालत में पहुंचा।

    अदालत ने 14 नवंबर को सभी आरोपितों को दोषियों को करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। सोमवार को न्यायाधीश चंद्रविजय श्रीनेत ने सभी 25 दोषियों को सात-सात वर्ष के कारावास और 15050-15050 रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।

    दोषियों को जेल जाता देख रो पड़े स्वजन

    न्यायाधीश के सजा सुनाने के बाद अदालत से सभी दोषियों को जेल ले जाने के लिए पुलिस उन्हें वाहनों में बैठाने को ले जा रही थी। इसी बीच अदालत और वाहन की बीच रास्ते में खड़े दोषियों के स्वजन उन्हें देखकर रो पड़े। दोषियों के स्वजन ने उच्च न्यायालय में अपील करने का दावा किया है।

    अदालत ने इन्हें सुनाई गई सजा

    अदालत ने असलम पुत्र इब्राहिम, कल्लन पुत्र इब्राहिम, मोहम्मद उमर पुत्र इब्राहिम, कफील पुत्र हनीफ उर्फ भूरा, फराहीम पुत्र हनीफ उर्फ भूरा, यूनुस पुत्र बशीर, यूनुक पुत्र यूनुस, रफीक पुत्र हबीब, अब्दुल सलाम पुत्र सईद, मेहरबान पुत्र हकीम, कदीम पुत्र मुस्ताक निवासी अकबरपुर थाना कोतवाली देहात, यामीन पुत्र हनीफ, यामीन पुत्र शकूर, यासीन पुत्र शकूर, छोटा उर्फ भूरा पुत्र बशीर, मोबीन उर्फ बाबू पुत्र साबू उर्फ साबुद्दीन, लियाकत पुत्र हनीफ, समयदीन पुत्र अल्लादीया, फारूख पुत्र कमरुद्दीन, फराहिम पुत्र नूर मोहम्मद निवासी गांव दरियापुर थाना कोतवाली देहात, इमरान पुत्र अहसानउल्ला, इरफान पुत्र अहसानउल्ला निवासी गांव कमालपुर थाना कोतवाली देहात, सलीम पुत्र हनीफ निवासी मुहल्ला कसाईबाड़ा थाना कोतवाली नगर, जाहिद पुत्र रहमान निवासी अटसैनी थाना गढ़मुक्तेश्वर और ईसराइल उर्फ लंगड़ा पुत्र हबीब निवासी मुहल्ला तरीनान कस्बा एवं थाना खुर्जा नगर को सजा सुनाई है।