119 गायों की हत्या की थी, पुलिस ने घेरा तो की फायरिंग... यूपी के इस जिले की है घटना, कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
बुलंदशहर की अदालत ने गोकशी और गैंगस्टर एक्ट के तहत 25 आरोपियों को 119 गायों की हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। यह घटना 2005 में हुई थी, जिसमें पुलिस ने अकबरपुर-कमालपुर के जंगल में गोकशी की सूचना पर कार्रवाई की थी। अदालत ने सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और 17 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।

बुलंदशहर की अदालत ने गोकशी और गैंगस्टर एक्ट के तहत 25 आरोपियों को 119 गायों की हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। विशेष न्यायाधीश गैंग्स्टर एक्ट एवं अपर सत्र न्यायाधीश अष्ठम की अदालत ने गोकशी एवं गैंग्स्टर एक्ट के 25 आरोपितों को दोषी करार दिया है। दोषियों में सगे भाई भी शामिल हैं। सभी दोषियों पर 119 गायों की हत्या करने का आरोप था। अदालत ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। अब 17 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।
विशेष लोक अभियोजक योगेश कुमार ने बताया कि दो मई 2005 को पुलिस को बुलंदशहर जिले के अकबरपुर-कमालपुर के जंगल में गोकशी की सूचना मिली थी। पुलिस ने घेराबंदी की तो आरोपितों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बड़ी मात्रा में गोवंशी के अवशेष बरामद कर इमरान व इरफान, यामीन व सलीम को गिरफ्तार कर लिया। असलम, कल्लन व मोहम्मद उमर, हनीफ उर्फ भूरा, कफिल, फराहम व यूसुफ, यूनुस व यूसुफ, यामीन व यासीन, छोटे , मोबिन उर्फ बाबू, लियाकत, समयदीन, फारूख, इब्राहिम व फराहीम, हबीब और इलियास मौके से फरार हो गए थे।
मौके पर 119 गायें काटी गई थीं और नौ गाय जिंदा मिली थीं। पुलिस ने 24 नामजद और आठ से दस अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। चार आरोपित फरार थे। शेष आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। 17 मई 2005 को पुलिस ने गैंग्स्टर एक्ट की कार्रवाई की। पुलिस ने 30 आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। विशेष न्यायाधीश गैंग्स्टर एक्ट एवं एडीजे अष्ठम चंद्रविजय श्रीनेत की अदालत में प्रकरण की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरोपित हनीफ की मृत्यु हो गई, जबकि फरार इब्राहिम, यूसुफ, वाजिद और हबीब की पत्रावली पृथक की गई।
शुक्रवार को अदालत ने 25 आरोपितों को दोषी करार दिया। सभी आरोपितों को गोवध की धारा 3/5/8 (इसमें सात साल तक की सजा), गैंग्स्टर एक्ट की धारा 2/3 (10 साल तक की सजा) और पशु क्रूरता की धारा 11 (तीन साल तक की सजा) के तहत दोषी करार दिया गया है।

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