अनुमति ली न मानकों का रखा ध्यान और शुरू कर दिया हाट मिक्स प्लांट...यूं खुला राज और यह की गई कार्रवाई
बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिले में भले ही ग्रेप-2 लागू हो चुका हो, लेकिन विभागीय अफसर बेपरवाह बने हुए हैं। दैनिक जागरण ने लापरवाही की स्याह तस्वीर उजागर की तो खलबली मच गई। अफसर मैदान में उतर आए। प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण कार्य में जुटी इकाई का रात में निरीक्षण करने पहुंचे तो हकीकत सामने आ गई। कार्यदायी संस्था का राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सहमति बिना ही हाट मिक्स/आरएमसी प्लांट संचालन पकड़ में आ गया।

मामन रोड क्षेत्र में धुआं छोड़ती निर्माण कार्य में जुटी इकाई की चिमनी। जागरण
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिले में भले ही ग्रेप-2 लागू हो चुका हो, लेकिन विभागीय अफसर बेपरवाह बने हुए हैं। दैनिक जागरण ने लापरवाही की स्याह तस्वीर उजागर की तो खलबली मच गई। अफसर मैदान में उतर आए। प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण कार्य में जुटी इकाई का रात में निरीक्षण करने पहुंचे तो हकीकत सामने आ गई। कार्यदायी संस्था का राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सहमति बिना ही हाट मिक्स/आरएमसी प्लांट संचालन पकड़ में आ गया। वायु प्रदूषण रोकथाम की व्यवस्था भी बदहाल मिली।
जेनरेटर भी मानक के अनुसार नहीं मिला। मेटेरियल भी खुले में रखा मिला। इस पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्यदायी संस्था को नोटिस भेजा गया है। एसडीएम सदर को प्लांट सील करने और पीडब्ल्यूडी को ग्रेप-2 के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पत्र भेजा गया है। दरअसल, दीपावली के बाद से ही प्रदूषण बढ़ने लगा। एक्यूआइ 200 के पार पहुंच गया। देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बुलंदशहर भी शामिल हो गया। ग्रेप-2 (ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू होने के बाद भी जिम्मेदार लापरवाह बने रहे।
निक जागरण ने 28 अक्टूबर के अंक में "धुआं छोड़ रही निर्माण कार्य में जुटी इकाइयों की चिमनी, बढ़ा रहीं जिले में प्रदूषण" शीर्षक से सचित्र समाचार प्रकाशित किया। दिनभर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर चुप्पी साधे रहे। हालांकि रात में हकीकत परखने पहुंचे। बुलंदशहर ब्लाक के कोलसेना ग्राम में निर्माण कार्य में जुटी शारदा कंस्ट्रक्शन कार्यदायी संस्था के हाट मिक्स/आरएमसी प्लांट का जायजा लिया। मौके पर मिले कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि ने प्लांट का संचालन नहीं होने की बात कही। जबकि प्लांट संचालन के लिए उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु एवं जल सहमति संबंधी अभिलेख नहीं दिखा सके।
मेटिरयल भी हरे कपड़े नहीं ढककर नहीं रखा था। वायु प्रदूषण रोकने को वेट स्क्रबर और उड़ती धूल रोकने को स्प्रिलंकर भी व्यवस्था नहीं थी। 128 केवीए क्षमता के जेनरेट पर आरइसीडी किट/पीएनजी किट भी नहीं लगी थी। पर्यावरण प्रदूषित होने के भी साक्ष्य मिले। ग्रेप-2 का भी उलंघन मिला। इस पर कार्यदायी संस्था को नोटिस देकर शिकंजा कसा गया है। अधिकारियों को भी कार्रवाई के लिए पत्राचार किया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।