436 रुपये में हो रहा चार लाख का सुरक्षा बीमा, गांवों में शिविर लगाकर दी जा रही योजना की जानकारी
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत गांवों में चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक कर रही है। इस योजना में मात्र 436 रुपये में चार लाख का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों को योजना की जानकारी दी जा रही है। आवेदन के लिए बैंक शाखा या ऑनलाइन माध्यम का उपयोग किया जा सकता है। दुर्घटना में मृत्यु या विकलांगता पर बीमा कवर मिलता है।

436 रुपये में करा सकते हैं चार लाख का सुरक्षा बीमा।
जागरण संवाददाता, चंदौली। नीति आयोग ने वाराणसी में शुक्रवार कोनॉर्थ जोन बेस्ट प्रैक्टिसेज सम्मेलन का आयोजन किया। प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार और नीति आयोग के एडिशनल सेक्रेटरी रोहित कुमार ने इसकी अध्यक्षता की। होटल डबल ट्री (बाई हिल्टन) में आयोजित सम्मेलन में चंदौली से अग्रणी बैंक के महा प्रबंधक सुनील कुमार भगत ने वित्तीय समावेशन में किए गए नवाचार को प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से संचालित प्रमुख योजनाओं को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक जुलाई से 30 अक्टूबर तक जनपद के 734 गांवों में बीसी सखी, एनआरएलएम, बैंक प्रबंधकों के सहयोग से चौपाल लगाकर जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है।
चौपाल में प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना,अटल पेंशन योजना आदि की बारीकी बताई गई थी। बताया कि कोई भी बीमा कंपनी इतना सस्ता दर पर अपने लाभार्थी को लाभ नहीं देता है। 1.25 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 436 रुपये जमा कर चार लाख रुपये का सुरक्षा बीमा करा सकते हैं। किसी अनहोनी पर इसका सीधे लाभ मिल सकता है।
उन्होंने बताया कि अब जिले में जनधन योजना के 10,57066 लाभार्थी, सुरक्षा बीमा के 7,84,095, जीवन ज्योति योजना के 216517 और अटल पेंशन योजना के 110417 लाभार्थी योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
वित्तीय समावेशन सहित भेजी गई थी चार बेस्ट प्रैक्टिसेज रिपोर्ट
नीति आयोग के निर्देश पर जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने स्वास्थ्य, एनआरएलएम, वित्तीय समावेशन सहित चार बेस्ट प्रैक्टिसेज की रिपोर्ट भेजी थी लेकिन नीति आयोग ने वित्तीय समावेशन को वरियता दी। इस महाप्रबधंक अग्रणी बैंक सुनील कुमार भगत ने नीति आयोग के सामने नवाचार की प्रस्तुतिकरण की। अर्थ संख्या अधिकारी नीरज श्रीवास्तव के अलावा डीसी एनआरएएलम स्वेता सिंह आदि थीं।

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