चंदौली में डेढ़ावल चौकी प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित, रिश्वत में लिए थे दस हजार रुपये
चंदौली जिले में डेढ़ावल चौकी प्रभारी और दो अन्य पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर एक मामले में दस हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, चंदौली। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डेढ़ावल पुलिस चौकी के प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया।
चौकी प्रभारी मनोज सिंह का बनियान पहनकर जनसुनवाई करने का वीडियो प्रचलित हुआ था। जबकि, एसआइ संतोष तिवारी व हेड कांस्टेबल प्रबुद्ध कुमार पर एक मामले में रुपये का लेन-देन का आरोप सिद्ध हुआ है। इस कार्रवाई से पुलिसकर्मियों में खलबली मची रही।
बर्थरा खुर्द के ग्राम प्रधान और भाजपा अनुसूचित मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष रामसरन गोंड के पुत्र बृजेश को वर्दीसाड़ा गांव में हुए एक विवाद के बाद चौकी पुलिस ने हिरासत में लिया था। जानकारी पर जब भाजपा कार्यकर्ता अपने पुत्र को छुड़ाने के लिए चौकी पहुंचे और कई अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों से फोन करवाया तो चौकी पुलिस ने किसी की नहीं सुनी।
आरोप है कि बेटे को छोड़ने के लिए चौकी में तैनात दारोगा और हेड कांस्टेबल ने कार्यकर्ता से दस हजार रुपये की मांग की तो उन्होंने यह राशि नकद और फोन पे के माध्यम से पुलिसकर्मियों को दी थी। इसके बाद उनके बेटे को छोड़ा गया था। कार्यकर्ता ने पूरी मामले की लिखित शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी।
इस शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी को सौंपी गई थी। सीओ ने पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की और रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक भेज दीं।
सीओ ने बताया कि चौकी प्रभारी की बनियान पहनकर जनसुनवाई करने की फोटो वायरल हुई थी। जो सेवा नियमावली के विपरीत है। साथ ही कार्यकर्ता की शिकायत की जांच में एसआइ और हेड कांस्टेबल पर रुपये के लेन-देन का आरोप सही पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करने कर दिया है।

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