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    Flood in Chandauli : गंगा का रौद्र रूप, गल‍ियों में चली नाव, बलुआ व टांडा कला बाजार में घुसा पानी

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 02:06 PM (IST)

    चंदौली ज‍िले में गंगा का पानी रौद्र रूप अख्‍त‍ियार कर चुका है। हसनपुर तिरगावा तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों अपने घर से सामान बाहर निकालने लगे हैं तो टांडाकला बाजार में पानी घुस चुका है। घटवारी माता मंदिर का वर्षों पुराना बरगद का पेड़ ग‍िर गया है तो सोनबरसा में तटवर्ती घरों तक पानी पहुंच चुका है।

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    गंगा का रौद्र रूप अब गल‍ियों से होते हुए बलुआ व टांडा कला बाजार में जा पहुंचा है।

    जागरण संवाददाता, टांडाकला (चंदौली)। गंगा का रौद्र रूप इन द‍िनों ज‍िले में नजर आने लगा है। गंगा का भयंकर रूप देख कर अब तटवर्ती गांव के किसानों व ग्रामीणों में खौफ है और तटवर्ती इलाकों में दहशत की स्‍थ‍ित‍ि है। तटवर्ती गांवों के लोग खुद ही सामान लेकर पलायन कर रहे हैं।

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    बलुआ मारूफपुर पुलिस द्वारा गंगा की स्थिति देख हसनपुर में लोगों को घर से सामान सहित बाहर निकाल नदेसर बाढ़ चौकी केंद्र भेजा जा रहा है। बलुआ, टांडा बाजार में पानी प्रवेश करने के साथ ही बाणगंगा नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है। गंगा में पानी की रफ्तार लगातार बढ़ाव पर है। मारूफपुर चौकी अंतर्गत हसनपुर तिरगावा गंगा से सटे गांव में सबसे ज्यादा खतरा है। वर्ष 2013 में बाढ़ के दौरान कई लोगों के मकान गंगा में समाहित हो चुके हैं।

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    खतरे को देखते हुए गंगा के मुहाने पर बसे विजय चौधरी, व‍िनोद चौधरी, अमर चौधरी, लाल बहादुर, अभिमन्यु को खतरा देखते हुए इनके सामान और परिजनों को सुबह छह बजे से ही घर के बाहर निकाल कर चौकी प्रभारी अमित सिंह ने मारूफपुर नदेसर स्थित बाढ़ राहत चौकी केंद्र पर सुरक्षित भेज द‍िया है। गंंगा का पानी बलुआ बाजार और टांडा कला बाजार में प्रवेश कर चुका है। टांडा में घटवारी माता मंदिर परिसर में 200 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ धराशायी हो गया है।

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    बलुआ बाजार में पानी प्रवेश करने से शव जलाने के लिए लोगों को सराय घाट पर जाना पड़ रहा है। जिस गति से पानी बढ़ रहा है जल्द ही शव जलाने के लिए भी जगह नहीं बचेगी। जबकि पूरे जनपद के लोग यहीं शवों का दाह संस्कार करने आते हैं। भुसौला गांव के लोग भी अपना सामान लेकर पलायन करने लगे हैं। गंगा का पानी अब बाणगंगा नदी में तेजी से बढ़ रहा है। जिससे बाणगंगा किनारे दर्जनों गांव के खेत मे पानी तेजी से बढ़ रहा है।

    ज‍िले के तटवर्ती लोगों की फसल भी डूबने के कगार पर है। बाढ़ के दौरान गंगा तटवर्तीय गांव भुपौली, डेरवा, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरिया, विशुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवा कला, महुअर कला, हरधनजुडा़, गंगापुर, पुरा विजयी, पुरागनेश, चकरा, हरधनजुडा़, सोनबरसा, टांडा कला, महमदपुर, सरौली हसनपुर तिरगावा, बढ़गांवा, मुकुंदपुर, नादी निधौरा, सहेपुर आदि गांवों के ग्रामीणों व किसानों में बाढ़ को लेकर भय बना हुआ है। साथ ही विषैले जीवों का भी खतरा बढ़ गया है।

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