चित्रकूट में डिलीवरी के दो घंटे बाद नवजात की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
चित्रकूट में डिलीवरी के दो घंटे बाद एक नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्चे की डिलीवरी के बाद सही देखभाल नहीं की गई। अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को गलत बताया और बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश करने की बात कही। परिजनों ने मामले की जांच की मांग की है।

जागरण संवाददाता, चित्रकूट। शिवरामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को एक नवजात की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वजन का आरोप है कि डाक्टर इलाज के बजाय सिगरेट पीने में व्यस्त रहे, और जब तक उपचार मिल पाता, तब तक नवजात ने दम तोड़ दिया।
भरतकूप थाना के मऊबा गांव निवासी लवकुश की 20 वर्षीय पत्नी रोशनी को रविवार सुबह छह बजे प्रसव पीड़ा के बाद शिवरामपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया था। कुछ समय बाद रोशनी ने एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन डिलीवरी के कुछ ही देर बाद नवजात के पेट में सूजन आने लगी और उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।
पीड़ित पिता लवकुश ने बताया कि जब वह अपने बेटे की बिगड़ती हालत को लेकर नर्सों से मिला, तो उन्हें डॉक्टर के पास भेजा गया। लेकिन डॉक्टर अस्पताल के बाहर एक दुकान पर सिगरेट पीते मिले। जब उनसे इलाज की गुहार लगाई गई, तो उन्होंने दो बार आते हैं कहकर टाल दिया।
तीसरी बार गुस्से में आकर बिना जांच किए ही जिला अस्पताल का रेफर पर्चा पकड़ा दिया। इस मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि प्रसूता रोशनी के मामले में मैंने खुद इलाज का निर्देश दिया था। यदि इसके बाद भी लापरवाही हुई है, तो जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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