इटावा सफारी पार्क का रोचक मामला, सिंबा और सुल्तान की ‘दुल्हनिया’ के बदले गुजरात ने रख दी शुतुरमुर्ग की शर्त
इटावा सफारी पार्क में शेर सिंबा और सुल्तान के लिए शेरनी की तलाश जारी है। गुजरात के जूनागढ़ चिड़ियाघर से शेरनी मांगी गई थीं लेकिन उन्होंने बदले में शुतुरमुर्ग की मांग की। इटावा सफारी पार्क के पास शुतुरमुर्ग नहीं हैं इसलिए मामला अटका हुआ है। वन विभाग के अधिकारी गुजरात से शुतुरमुर्ग के बदले किसी अन्य वन्य जीव के बदले शेरनी देने का अनुरोध कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, इटावा। इटावा सफारी पार्क में सबसे पहले जन्म लेने वाले शेर सिंबा और सुल्तान की पार्टनर की आस साल भर कवायद के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। सफारी प्रशासन ने गुजरात के जूनागढ़ चिड़ियाघर से दो शेरनी मांगी थीं, लेकिन जूनागढ़ प्रशासन ने उनके बदले दो शुतुरमुर्ग की मांग कर दी। सफारी पार्क प्रशासन के पास शुतुरमुर्ग नहीं हैं, ऐसे में शेरनी के आने पर पेच फंस गया है।
प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों की ओर से गुजरात के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि शुतुरमुर्ग की जगह किसी अन्य वन्य जीव को लेकर दो शेरनी दे दी जाएं। अब फैसला गुजरात के वन अधिकारियों को करना है।
इटावा सफारी पार्क में सिंबा और सुल्तान का जन्म छह अक्टूबर 2016 को हुआ था। अब दोनों नौ साल के होने वाले हैं। पिछले करीब एक साल से सफारी प्रशासन इनके लिए दो शेरनी की तलाश कर रहा है। बीती मई माह में सफारी के अधिकारी गुजरात के जूनागढ़ गए थे और वहां पर दो शेरनी देखी थीं जिन्हें इटावा सफारी पार्क लाया जाना था।
वहां के अधिकारियों से बात भी की गई थी, जब शेरनी ले जाने की फाइल आगे बढ़ी तो गुजरात की ओर से शेरनी के बदले दो शुतुरमुर्ग की मांग रख दी गई। हालांकि सफारी प्रशासन ने जूनागढ़ के अधिकारियों से नया प्रस्ताव रखा है जिसमें शेरनी के सफारी में आने पर उनसे जिन शावकों का जन्म होगा वे आपस में आधे-आधे बांट लेंगे। अभी इस पर सहमति नहीं मिली है।
वन्य जीवों की होती अदला-बदली
वन्य जीवों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्रशासन के नियम के अनुसार उनकी अदला-बदली होती है। इसी अदला-बदली में शेरनी के बदले में शुतुरमुर्ग मांगे गए हैं। इससे पहले जो शेर लाए गए थे उनके बदले लकड़बग्घे व हिरण भेजे गए थे।
गुजरात से सिंबा सुल्तान के लिए दो शेरनी लाने की बात चल रही है। इसके लिए शुतुरमुर्ग की मांग गुजरात प्रशासन ने की है। प्रदेश के वन विभाग की तरफ से गुजरात के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। शुतुरमुर्ग के स्थान पर किसी अन्य वन्य जीव को लेकर दो शेरनी दे दी जाएं या फिर शेरनी के आने पर समझौता होने पर आधे-आधे शावक जन्म देने के बाद बांट लिए जाएं।
-डा. अनिल पटेल, निदेशक, इटावा सफारी पार्क
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