कस्तूरबा गांधी छात्रावास भवन बनकर तैयार, फिर क्यों 6 महीने बाद से छात्राएं भटकने को मजबूर?
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास बनकर तैयार होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है जिससे ताखा की छात्राओं को परेशानी हो रही है। छात्राओं ने जिलाधिकारी से छात्रावास खुलवाने की गुहार लगाई है। फर्नीचर और अन्य जरूरी सामान की खरीददारी में देरी के कारण छात्रावास शुरू नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही छात्रावास शुरू हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, इटावा। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास का भवन बनने के बाद भी छात्राओं को उसमें रहने की सुविधा नही मिल रही है। ताखा की चार छात्राओं ने छात्रावास को चालू करने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।
छात्राओं ने कहा काफी दूर घर है, रहने के लिए छात्रावास नहीं मिल रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने बना यह छात्रावास तो कई माह पहले बनकर तैयार हो गया परंतु छात्रावास के लिए आवश्यक फर्नीचर एवं दैनिक उपयोग में आने वाली जरूरी सामग्री की खरीद शिक्षा सत्र शुरू होने के छह माह बाद भी नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से छात्रावास शुरू नहीं हो पा रहा है। यही वजह है छात्रावास शुरू नहीं हो पा रहा है।
जनपद मुख्यालय पर बना है छात्रावास
कस्तूरबा गांधी उच्चीकृत बालिका छात्रावास बेसिक शिक्षा परिषद की उदासीनता के कारण बालिकाओं का मुंह चिढ़ा रहा है। दरअसल चार वर्ष पहले कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय नगर क्षेत्र के उच्चीकृत के अंतर्गत इस बालिका छात्रावास का निर्माण शासन द्वारा स्वीकृत किया गया था।
विभाग द्वारा इस छात्रावास के लिए केयर टेकर और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जा चुकी हैं लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों को बैठने का स्थान भी विभाग उपलब्ध नहीं करा सका है। अब ताजुब्ब की बात यह है कि इनको वेतन भी मिल रहा है पर यह बैठते कहा है।
अगर यह बालिका छात्रावास प्रारंभ हो जाए तो दूर दराज विकास खंडों जैसे ताखा और चकरनगर से जीजीआईसी इटावा आईटीआई इटावा में शिक्षा ग्रहण करने आने वाली सैकड़ों बालिकाओं को इसका सीधा लाभ मिल सकता हैं।
ताख क्षेत्र मे रहने वाली कक्षा नौ की छात्राएं गौरी, नैन्सी, अंजना, सुहाना जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल से मिलने उनके कार्यालय पहुंची । छात्राओं ने बताया वह जीजीआईसी में पढ़ती है। ताखा से इटावा की दूरी काफी है । इसलिए छात्रावास में रहने के लिए पत्रावली अप्रैल माह में ही वार्डन मेम के पास जमा कर दी थी ।
जब भी उनको फोन करो तो वह कहती है बस कुछ दिन और लगेंगे। यही सुनते सुनते पांच माह बीत गए हैं छात्राओं ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए छात्रावास को तत्काल चालू कराया जावे। इस संबंध मे जिला समन्वयक बालिका शिक्षा उदयराज ने बताया कि छात्रावास बनकर तैयार है । आवास में फर्नीचर खरीदा जाना है जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही टेंडर होने के बाद आवास चालू कर दिया जाएगा।
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