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    इटावा में यमुना में मछली पकड़ते समय डूबा किसान, मगरमच्छ खींच ले जाने की चर्चा; छह घंटे बाद मिला शव

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 05:56 PM (IST)

    इटावा में एक दुखद घटना घटी जब यमुना नदी में मछली पकड़ने गए 50 वर्षीय कप्तान सिंह डूब गया। कुछ ही देर में मगरमच्छ खींच ले जाने की अफवाह फैली। इससे बलरई क्षेत्र के कीरतपुर गांव की इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर कप्तान सिंह की खोजबीन कर रही है। छह घंटे बाद शव मिला।

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    यमुना नदी में एक व्यक्ति को मगरमच्छ खींच ले गया।

    संवाद सहयोगी, जागरण, जसवंतनगर (इटावा)। इटावा में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। मछली पकड़ने गए व्यक्ति को देखते ही देखते मगरमच्छ खींच ले गया। व्यक्ति यमुना नदी में मछली पकड़ने के लिए गया था। 

    बलरई क्षेत्र के गांव कीरतपुर में बुधवार सुबह यमुना नदी के किनारे मछली पकड़ने गए 50 वर्षीय किसान कप्तान सिंह नदी में फिसलकर गिर गए और लापता हो गए। इस पर स्वजन व ग्रामीणों में मगरमच्छ के खींच ले जाने की आशंका से अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और उनकी तलाश में जुटे ग्रामीण और गोताखोरों ने मदद से खोजबीन शुरू कराई। तलाशी जारी रहने के दौरान करीब छह घंटे बाद स्थानीय गोताखोरों ने कप्तान सिंह का शव नदी के घटना स्थल से लगभग सौ मीटर दूर बरामद किया। इस घटना से मृतक के परिवार में चीख-पुकार मच गई।

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    कीरतपुर निवासी 50 वर्षीय कप्तान सिंह पुत्र झम्मन सिंह किसान थे। बुधवार सुबह करीब आठ बजे घर के पास से गुजर रही यमुना नदी में मछली पकड़ने के लिए गए थे। जाल डालकर यमुना में मछली पकड़ने के दौरान अचानक पैर फिसलने से वह नदी में गिरकर डूब गए। उन्हें किसी ने डूबते हुए नहीं देखा, जब काफी देर तक वह घर नहीं लौटे तो स्वजन उन्हें नदी किनारे खोजते हुए पहुंचे। वहां जाल तो किनारे पड़ा मिला, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आए। इस पर स्वजन ने मगरमच्छ के खींच ले जाने की आशंका जताई।

    मां कटोरी देवी, पत्नी लक्ष्मी देवी, और उनके बच्चे सचिन (25), अर्चना (23) और सपना (21) में चीख पुकार मच गई। इस पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए। पुलिस को सूचना देकर स्थानीय ग्रामीणों ने नदी में उतरकर खोजबीन शुरू की। लगभग छह घंटे तक चले खोजबीन के बाद दोपहर दो बजे के आसपास कप्तान सिंह का शव बरामद किया गया। मगरमच्छ आदि के खींचने के कोई निशान शरीर पर नहीं मिले, जिससे संभावना जताई गई कि पैर फिसलने से डूबने से उनकी मौत हुई है।

    घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने यमुना नदी के किनारे मगरमच्छों की उपस्थिति के कारण प्रशासन से सुरक्षा और चेतावनी व्यवस्था न होने की कड़ी निंदा की है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और वन विभाग से मांग की कि वे जल्द से जल्द मगरमच्छों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए संपन्न सुरक्षा इंतजाम करें, ताकि भविष्य में ऐसी जानलेवा घटनाओं को रोका जा सके और ग्रामीण सुरक्षित रह सकें। यह भी आरोप लगाया कि यह दुखद हादसा यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में बढ़ते मगरमच्छ संकट पर एक गंभीर चेतावनी साबित हुआ है।

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