Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    टेरिटाेरियल आर्मी भर्ती के नाम पर ठगी केस: रंजीत ने दो वर्ष पूर्व खोला था फिजियोथैरेपी सेंटर, पिता हैं होमगार्ड

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Tue, 10 Jun 2025 11:09 AM (IST)

    फिरोजाबाद में सेना भर्ती घोटाले में शामिल एक आरोपित का क्लिनिक बंद हो गया है। वह दो साल से फिजियोथेरेपी सेंटर चला रहा था लेकिन उसका पंजीकरण सीएमओ कार्यालय में नहीं था। पहले वह कंप्यूटर सेंटर चलाता था। वह जापानी पद्धति से इलाज करता था और प्रति मरीज 100 रुपये लेता था। सेना में भर्ती न होने पर अजय कुमार नाम का युवक इस गिरोह में शामिल हो गया था।

    Hero Image
    रंजीत ने दो वर्ष पूर्व खोला था फिजियोथैरेपी सेंटर।

    संस, जागरण. शिकोहाबाद (फिरोजाबाद)। टेरिटाेरियल आर्मी भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह में शामिल कथित डाक्टर दो वर्ष से कांशीराम आवासीय कालोनी के निकट सर्विस रोड पर फिजियोथैरेपी सेंटर चला रहा था। उसके पिता थाने में होमगार्ड हैं। वह दो दिन से क्लीनिक पर नहीं आया। सोमवार दोपहर जागरण की टीम पहुंचने के कुछ देर बाद क्लीनिक बंद हो गया। होर्डिंग बैनर भी हटा दिए गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरगना का साथी रंजीत यादव मूलरूप से मक्खनपुर के गांव गागई का रहने वाला है। वह दो वर्ष पूर्व शिकोहाबाद की यादव कालोनी में कंप्यूटर सेंटर चलाता था। इसके बाद सेंटर बंद कर उसने मानव प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के नाम से क्लीनिक खोल ली।

    क्लीनिक के बाहर लगे बोर्ड में अपनी डिग्री बीएएमएस (एमडी एसीसीयू ) लिखी थी। वह जापानी पद्धति से घुटनों, जोड़ों, हड्डियों में दर्द के उपचार के नाम पर फिजियोथैरेपी करता था। प्रति मरीज सौ रुपये वसूलता था। उसने क्लीनिक में माधवगंज की एक महिला को भी सहायक के रूप में रखा जो महिला मरीजों की थैरेपी करती थी।

    कुछ ही समय में बाइक की जगह कार से चलने लगा था

    स्थानीय लोगों ने बताया कि देखते ही देखते वह बाइक की जगह कार से चलने लगा था। शनिवार शाम सात बजे सहायिका से कहा था कि वह बाहर जा रहा है। क्लीनिक खोलते रहना। हर दिन क्लीनिक में आठ से दस मरीज ही आते थे। आसपास के लोगों ने बताया कि उसके पास डिग्री नहीं थी। फिर भी उपचार के लिए आसपास के गांव के लोग आते थे। सीएमओ कार्यालय में क्लीनिक पंजीकरण नहीं है। सहायिका ने बताया कि उसके सामने मेडिकल परीक्षण के लिए कोई नहीं आया। केवल मरीज ही आते थे।

    सेना में नहीं हो पाया भर्ती तो गिरोह में हो गया शामिल

    मटसेना के गांव सेंगई निवासी अजय कुमार की गिरफ्तारी से ग्रामीण हैरान हैं। तीन भाईयों में दूसरे नंबर को अजय इंटर पास है। वह सेना और पुलिस में भर्ती कर रहा था। चर्चा है कि इसी दौरान वह गिरोह के संपर्क में आया और उसमें शामिल हो गया। दो वर्ष पूर्व भी उसे आगरा में इसी तरह के मामले में पकड़ा गया था।

    जमानत पर आने के बाद वह खेतीबाड़ी कर रहा था। बीच-बीच में बाहर आता-जाता रहता था। वह शनिवार को घर से निकला था। सरगना और रंजीत के एजेंट के रूप में काम करता था। उसे प्रति अभ्यर्थी 30 से 50 हजार रुपये तक मिलते थे।