पलटे प्लास्टिक के ड्रम और सुरक्षाकर्मी गायब ... एक्सप्रेस-वे की मरम्मत में सुरक्षा मानकों की अनदेखी, खतरे में राहगीर
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर मरम्मत कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। कई स्थानों पर सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं हैं, और मजदूर बिना हेलमेट और दस्तानों के काम कर रहे हैं। प्लास्टिक के ड्रमों पर मिट्टी जमी हुई है और वे पलटे हुए हैं। सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।

एक्सप्रेसवे पर पलटे हुए दिखे ड्रम। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण, शिकोहाबाद (फिरोजाबाद)। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर इन दिनों मरम्मत का काम चल रहा है। लेकिन इस दौरान मजदूरों और राहगीरों की सुरक्षा के उपाय मानक के अनुरूप नहीं है। कैबिनेट मंत्री के दुर्घटना में घायल होने के बाद कुछ जहां से डायवर्जन शुरू होता है वहां लाल झंडी लेकर गार्ड की तैनाती कर दी है। लेकिन अब भी मरम्मत करवा कंपनी ने सुरक्षा के सभी उपाय नहीं किए है। शनिवार को दैनिक जागरण की टीम ने दोपहर एक बजे से दो बजे तक इसकी पड़ताल की।
कार्य रहे मजदूरों और राहगीरों की सुरक्षा के नहीं हैं पूरे उपाय
इस दौरान देखा गया कि 42.300 से माइल स्टोन 54 तक निर्माण कार्य होता मिला। अधिकांश स्थानों पर सुरक्षा कर्मी नहीं थे और प्लास्टिक ड्रमों पर मिट्टी की परत जमी थी। जहां से डायवर्जन शुरू होता है 42.300 प्वाइंटर पर एक कर्मचारी लाल झंडी लिए हुए खड़ा था। मिला, वह भी बिना यूनिफार्म के। वहीं एक्सप्रेस-वे पर अभी भी 120 किमी प्रति घंटे की गति सीमा वाले बोर्ड खुले दिखाई दिए, जिन्हें काम के दौरान ढका जाना चाहिए था।
वर्तमान में 42.300 से 54 किलोमीटर के बीच की दूरी की मरम्मत हो रही है। एटलस कंपनी इस कार्य को कर रही है, लेकिन मानक सुरक्षा इंतजामों की भारी कमी बनी हुई है। कई किलोमीटर तक बिना हेलमेट और दस्तानों के मजदूर काम करते मिले। प्लास्टिक ड्रमों से बने डिवाइडर पर धूल-मिट्टी जमी थी और कई ड्रम हवा या वाहनों की रफ्तार से पलटे हुए थे। सोलर ब्लिंकर और चेतावनी बोर्ड सीमित संख्या में ही थे।
यह होने चाहिए मानक
- डायवर्जन के शुरुआत और अंत में सेफ्टी जैकेट के साथ लाल झंडी लिए दो-दो कर्मचारी की तैनाती।
 - हर किलोमीटर पर सीसीटीवी कैमरा ताकि किसी भी घटना की तत्काल जानकारी मिल सके।
 - मरम्मत में लगे मजदूर हेलमेट, सैफ्टी जैकेट और दस्ताने पहने हुए हों।
 - हर किलोमीटर पर एक कर्मचारी की तैनाती ताकि डायवर्जन ड्रम गिरने पर उठा सके।
 - 120 किमी प्रति घंटे की गति सीमा वाले शाइनबोर्ड ढंके होने चाहिए।
 
इन मानकों को अनदेखी
- हर किलोमीटर पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।
 - डायवर्जन के इंट्री प्वाइंट पर एक ही कर्मचारी की तैनाती है।
 - एक्सप्रेस वे पर तैनात कर्मचारी सेफ्टी जैकेट नहीं पहने मिला।
 - हर किलोमीटर पर कर्मचारी भी तैनात नहीं मिले, जो गिरे ड्रम को उठा सकें।
 - मरम्मत के काम में लगे श्रमिकों ने सुरक्षा के लिए हेलमेट, जैकेट, दस्ताना नहीं पहने थे।
 
जिले में तीन थानाक्षेत्रों से गुजरता है एक्सप्रेस−वे
आगरा जिले के फतेहाबाद से आगे फिरोजाबाद जिले की सीमा में एक्सप्रेस-वे तीन थानों—मटसेना, नसीरपुर,नगला खंगर होकर लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पड़ती है। एक्सप्रेस वे पर आने-जाने के लिए नसीरपुर और सिरसागंज के कठफोरी पर कट बना है। दोनों जगह टोल प्लाजा भी है।

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