फिरोजाबाद में आठ साल पहले हुई एक हत्या के मामले में न्यायालय ने दोषी हरिभान सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हरिभान सिंह ने 2017 में अपने भतीजे की हत्या की थी और उसके बेटे को घायल कर दिया था। अदालत ने दोषी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है जो पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। यह घटना नगला खंगर क्षेत्र के एक गांव में हुई थी।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। नगला खंगर क्षेत्र के एक गांव में आठ वर्ष पूर्व दिनदहाड़े भाई की गोली मारकर हत्या और भतीजे को घायल करने के मामले में न्यायालय ने गुरुवार को दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही, दोषी पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है, जो पीड़ित परिवार को दिया जाएगा।
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29 जुलाई 2017 को युवती घर पर अकेली थी। इसका लाभ उठाते हुए ताऊ हरिभान सिंह ने कमरे में घुस कर खराब नीयत से उससे बदतमीजी की। इस बीच युवती के पिता चंद्रभान सिंह और भाई सोनेलाल दवा लेकर घर पर आ गए। इसके बाद हरिभान सिंह यादव उर्फ मुन्ना यादव (फौजी) ने अपनी दोनाली लाइसेंसी बंदूक से चंद्रभान को जान से मारने की नीयत से सीने में गोली मार दी।
दूसरी गोली सोने लाल सिंह के मुंह पर लगी थी। भुवनेश कुमार ने ग्रामीणों की मदद से अपने पिता-भाई को सरकारी अस्पताल लेकर आया। उपचार के दौरान चंद्रभान की मृत्यु हो गई। सोने लाल को जिला अस्पताल से आगरा रेफर कर दिया गया था।
इस मामले में हरिभान सिंह, उनके तीनों पुत्र यादवेंद्र, राघवेंद्र और उपेंद्र सिंह उर्फ आशू के विरुद्ध प्राथमिकी थाना नगला खंगर में लिखवाई गई थी। विवेचक ने हरिभान सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। एडीजीसी अरबेश कुमार शुक्ला ने बताया कि एडीजे और विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) मुमताज अली ने यह सजा सुनाई।
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