3.30 लाख खातों में जमा 88 करोड़ रुपये निकालना भूले लोग, खाताधारकों को ढूंढ रहे बैंक
देश के बैंकों में 3.30 लाख से ज़्यादा खाते हैं जिनमें 88 करोड़ रुपये जमा हैं, पर लोग निकालना भूल गए। बैंक अब इन खाताधारकों को ढूंढ रहे हैं ताकि वे अपनी जमा राशि प्राप्त कर सकें। आरबीआई ने बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बैंक सक्रिय रूप से खाताधारकों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

राजीव शर्मा, फिरोजाबाद। लोग अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखने एवं उसमें वृद्धि के लिए बैंकों में जमा कराते हैं। कुछ लोग हैं जो महीने में कई बार जाकर अपने खाते में लेनदेन की जानकारी करते हैं। जिले में 3.30 लाख खाताधारक ऐसे हैं, जो खातों में धनराशि जमा करके भूल गए हैं।
इनके खातों में 88 करोड़ रुपये जमा हैं लेकिन, उन्होंने 10 वर्षों या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं किया है। जिससे इनके खातों में जमा राशि रिजर्व बैंक के पास चली गई है। आरबीआइ के निर्देश पर अब बैंक ऐसे खाताधारकों को खोजने में लग गई हैं। जिससे उनकी जमा राशि उन्हें वापस की जा सके।
केस-1
हिमांयूपुर निवासी सब्जी विक्रेता के पिता का एक खाता भारतीय स्टेट बैंक में था। पिता की मृत्यु 14 वर्ष पूर्व हो गई थी। दीपावली पर घर की सफाई के दौरान उन्हें पासबुक मिली तो वे उसे लेकर बैंक पहुंचे। पता चला कि उसमें 1.15 लाख रुपये जमा था। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बैंक ने उन्हें भुगतान कर दिया।
केस-2
उर्वशी टाकीज के पास रहने वाली 55 वर्ष की विधवा 15 दिन पहले बाइपास रोड स्थित बैंक में पेंशन निकालने गईं तो वहां आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियान की जानकारी हुई। अगले दिन वह अपने पति की पासबुक लेकर पहुंचे तो बैंककर्मी ने बताया कि खाते में 93 हजार रुपये जमा हैं, जो बैंककर्मियों ने उन्हें दे दिए।
जमा राशि वर्षों से क्लेम न किए जाने से बैंकों की मुश्किल बढ़ गई है। पुराने होने के कारण बहुत से खातों में या तो खाताधारक का फोन नंबर लिखा ही नहीं या फिर लिखा है तो वह अब लग नहीं रहा। जिससे बैंककर्मी उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। वहीं भारत सरकार की परेशानी ये है कि ये रकम बाजार में नहीं आ पा रही है। सरकार का मानना है कि यदि खातेधारक या उनके आश्रित इस रकम को निकालेंगे तो रकम बाजार में पहुंचेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
इसलिए आरबीआइ ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे खाताधारकों को खोजकर धनराशि की निकासी या खातों का संचालन कराया जाए। इसके लिए देशभर में छह अक्टूबर से आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियान चलाया जा रहा है। इसमें जगह-जगह शिविर लगाकर लोगों से अपने पुराने खातों के बारे में जानकारी कर बैंक में संपर्क करने के लिए कहा जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक अब तक 62 खाता धारकों को एक करोड़ रुपये वापस दे चुकी है।
इसलिए आ रही समस्या
बैंककर्मियों के अनुसार पुराने खातेधारकों से संपर्क करने में कई तरह की समस्या आ रही हैं। किसी का पता बदल गया है तो किसी का फोन नंबर गलत है। किसी की मृत्यु हो गई है, तो उनके स्वजन का पता नहीं चल रहा।
ऐसे पाएं भुगतान
यदि आपके खातों में भी इस तरह धनराशि जमा है तो बैंक से संपर्क करें। यदि खाता किसी मृत व्यक्ति का है तो उनके आश्रितों को आवेदन करना होगा, लेकिन उन्हें ये प्रमाणित करना होगा कि वे वास्तव में उनके आश्रित हैं।
आरबीआइ के निर्देश पर छह अक्टूबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चल रहा है। इसमें हम लोगों को पुराने खातों की जानकारी करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खातेधारक या उनके आश्रित संबंधित बैंक से संपर्क में जमा धनराशि की निकासी के लिए क्लेम करें। कोई परेशानी हो तो हमें बताएं। -रमणकांत त्यागी, लीड बैंक प्रबंधक

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