NCR का यह शहर धुएं में डूबा, 449 पर पहुंचा AQI; वाहन चालकों को हो रही भारी परेशानी
आज सुबह से ही लोग प्रदूषण से परेशान हैं। वातावरण में धुंध के कारण दृश्यता कम रही, जिससे वाहन चलाने में दिक्कत हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और आईक्यू एयर के आंकड़ों में अंतर होने से लोगों में भ्रम है। लोगों का कहना है कि प्रदूषण बढ़ रहा है, पर अधिकारी सिर्फ कागजी योजनाएं बना रहे हैं।
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लोगों का कहना है कि प्रदूषण बढ़ रहा है, पर अधिकारी सिर्फ कागजी योजनाएं बना रहे हैं।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। सुबह होते ही लोग प्रदूषण से जूझ रहे हैं। शनिवार सुबह से ही वातावरण में धुंध छाई रही, जिससे दृश्यता 50 से 100 मीटर के बीच ही रही। कम दृश्यता के कारण वाहन चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, समय के साथ दृश्यता में सुधार होता रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, जिले का एक्यूआई 339 दर्ज किया गया, जबकि आईक्यू एयर 272 दर्ज किया गया। दोनों ऐप पर प्रदूषण के अलग-अलग स्तर के कारण लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि किसे सही मानें।
सीपीसीबी के समीर ऐप और आईक्यू एयर पर जिले के एक्यूआई में 67 अंकों का अंतर है। समीर ऐप पर वसुंधरा का एक्यूआई सबसे अधिक 393 रहा, जबकि आईक्यू एयर ऐप पर यह मात्र 275 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। लोगों का कहना है कि प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागजी योजनाएं बना रहे हैं।
आईक्यू एयर के अनुसार, संजय नगर में एक्यूआई 449 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। 400 से ऊपर एक्यूआई को गंभीर माना जाता है। वहीं, सीपीसीबी के अनुसार, संजय नगर की स्थिति 307 एक्यूआई के साथ बेहद खराब श्रेणी में है।
सीपीसीबी और आईक्यू एयर के अनुसार स्टेशनों का एक्यूआई
| स्टेशन | सीपीसीबी | आईक्यू एयर |
|---|---|---|
| इंदिरापुरम | 285 | 204 |
| वसुंधरा | 393 | 275 |
| लोनी | 372 | 220 |
| संजय नगर | 307 | 449 |
मौसम में नमी बढ़ने से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। इससे धूल के कण वातावरण में तैरते रहते हैं। हवा की गति बढ़ने पर ही प्रदूषण का स्तर कम होगा। हम अपने स्तर पर काम कर रहे हैं।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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