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    ऐप बंद और घर नहीं जा रहे, 2003 का डेटा मांग रहे BLO; गाजियाबाद में वोटर वेरीफिकेशन महज खानापूरी  

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 05:57 AM (IST)

    गाजियाबाद में बीएलओ की लापरवाही सामने आई है। जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद, कई सोसायटियों में बीएलओ घर-घर जाकर पुनरीक्षण नहीं कर रहे हैं। वे एक ही जगह पर बैठकर काम कर रहे हैं, जिससे निवासियों में मतदाता सूची से नाम कटने का डर है। कुछ सोसायटियों में बीएलओ पहली बार पहुंचे, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। अधिकारियों ने लापरवाही की शिकायत मिलने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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    गाजियाबाद में बीएलओ की लापरवाही सामने आई है।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला प्रशासन ने सभी बीएलओ को घर-घर जाकर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन शहर की कई सोसायटियों में अभी तक बीएलओ नहीं पहुंचे हैं। इसके अलावा, बीएलओ एक ही जगह से काम कर रहे हैं। कुछ सोसायटियों में जनगणना फॉर्म गेट पर ही रखे जा रहे हैं। सोसायटी के निवासी खुद ही अपने फॉर्म ढूंढ रहे हैं।

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    एक परिवार के कुछ सदस्यों को फॉर्म मिल गए हैं, जबकि कुछ अभी भी इंतजार कर रहे हैं। निवासियों को डर है कि कहीं उनका नाम मतदाता सूची से न कट जाए, क्योंकि एसआईआर की अंतिम तिथि 4 दिसंबर है। दैनिक जागरण की टीम ने इसकी पड़ताल के लिए विभिन्न इलाकों का दौरा किया।

    गौर कैस्केड्स में बीएलओ एक ही जगह से काम करें

    बुधवार दोपहर करीब 1 बजे दैनिक जागरण की टीम राजनगर एक्सटेंशन स्थित गौर कैस्केड्स सोसायटी पहुंची, जहां करीब 1,000 परिवार रहते हैं। निवासियों ने बताया कि बीएलओ एक ही जगह से काम कर रहे हैं। सोसायटी के निवासियों ने बताया कि कुछ लोगों के वोट दूसरे बूथों पर दर्ज हैं, जिससे काफी असुविधा हो रही है। उन्होंने बताया कि मतगणना फॉर्म भरते समय उनसे 2003 का डेटा मांगा जा रहा है, जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। इसके अलावा, बीएलओ चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐप का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

    कुछ सोसायटियों में पहली बार बीएलओ पहुंचे

    दोपहर 2:30 बजे, दैनिक जागरण की टीम राजनगर एक्सटेंशन स्थित ब्रेव हार्ट्स सोसाइटी पहुँची। निवासियों ने बताया कि आज पहली बार बीएलओ पहुँचे हैं, जिससे उनके नाम मतदाता सूची से कटने की चिंता बढ़ गई है। स्थानीय निवासी सुमित चौहान ने बताया कि बीएलओ आज पहुँचे हैं, जिससे लोग चिंतित हैं। बीएलओ अपना काम पूरा करने के लिए दो-तीन घंटे तक बैठे रहते हैं। इसके अलावा, उन्हें अनिवार्य प्रशिक्षण भी नहीं मिला है, जिससे उन्हें जानकारी का अभाव है। अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की जाएगी।

     

    ज़्यादातर बीएलओ बिना प्रशिक्षण के ही मैदान में उतर आए हैं, और मतदाता सत्यापन महज औपचारिकता बनकर रह गया है। न तो ऐप का इस्तेमाल हो रहा है, न ही रिकॉर्ड का सही मिलान हो रहा है और न ही फॉर्म की डुप्लीकेट कॉपी उपलब्ध कराई जा रही है। घर-घर जाने के बजाय, कई जगहों पर बीएलओ दो-तीन घंटे तक बैठे रहते हैं, जबकि सोसायटियों में सत्यापन में भी देरी हो रही है।
    - प्रदीप माहेश्वरी, अजनारा इंटीग्रिटी सोसाइटी

    बीएलओ समय पर नहीं पहुँच रहे हैं, जिससे मतदाता सत्यापन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, कई सोसायटियों में अलग-अलग बूथों पर मतदान हो रहा है, जिससे निवासियों को काफी असुविधा हो रही है। लोगों को डर है कि उनका मतदाता सत्यापन अधूरा रह सकता है। अगर जल्द ही व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो भविष्य में काफी समस्याएँ होंगी।
    - दीपांशु मित्तल, ब्रेव हार्ट्स सोसाइटी

     

    सभी बीएलओ को घर-घर जाकर जनगणना फॉर्म वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कहीं कोई लापरवाही हो रही है, तो लोग शिकायत कर सकते हैं। जाँच कराई जाएगी और संबंधित बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - सौरभ भट्ट, एडीएम, एफआर।