कविनगर रामलीला मैदान में दोपहर तक नहीं सजा पटाखा बाजार, दुकानदार से लेकर ग्राहक हुए निराश
गाजियाबाद के कविनगर रामलीला मैदान में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बावजूद पटाखा बाजार लगने में देरी हुई। लाइसेंस मिलने में देरी के कारण कई दुकानें नहीं लग पाईं, जिससे दुकानदारों और ग्राहकों को निराशा हुई। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि अन्य स्थानों पर अवैध रूप से पटाखे बिक रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। वहीं, घंटाघर रामलीला मैदान में पटाखों की बिक्री शुरू हो गई।
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कविनगर रामलीला मैदान में 19 अक्टूबर की दोपहर तक पटाखा बाजार नहीं लग सका।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली - एनसीआर में 18 से 20 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखे बेचने और जलाने की अनुमति दी, लेकिन जिले के प्रमुख पटाखा बिक्री स्थल कविनगर रामलीला मैदान में 19 अक्टूबर की दोपहर तक पटाखा बाजार नहीं लग सका। इसकी वजह आवेदन के बाद पुलिस द्वारा समय पर लाइसेंस जारी नहीं किया जाना बताया गया, कुछ दुकानदारों ने लाइसेंस प्राप्त न होने के बावजूद दुकानें लगाईं तो पुलिस ने दुकानें बंद करा दी। इससे दुकानदार से लेकर ग्राहकों का निराशा हुई।
कविनगर रामलीला मैदान में पटाखों की बिक्री के लिए अस्थायी दुकानें बनाने का कार्य शनिवार रात से शुरू कर दिया गया था। दुकानदारों को उम्मीद थी कि रविवार सुबह तक उनको लाइसेंस मिल जाएंगे और पटाखों की बिक्री शुरू कर देंगे। सुबह 11 बजे तक लाइसेंस नहीं मिला, जल्द ही लाइसेंस मिलने की उम्मीद में तीन से चार दुकानदारों ने दुकानें लगा लीं लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिसकर्मी रामलीला मैदान पहुंचे और दुकानों को बंद करा दिया।
दुकानदारों से कहा गया कि जब तक लाइसेंस न मिले, वह दुकानें न लगाएं। ऐसे में दुकानदारों को दुकानें बंद करनी पड़ीं और पटाखों की खरीद के लिए आए लोगों को मायूस होकर वहां से लौटना पड़ा। पटाखा व्यापारी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पटाखों की बिक्री के लिए कविनगर रामलीला मैदान को किराए पर लिया गया है। इसके लिए दो लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराया दिया गया।
दुकानदारों ने 18 अक्टूबर को ही लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया था लेकिन दोपहर 12 बजे तक लाइसेंस ही जारी नहीं किए गए, इससे दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उनका आरोप है कि शहर में पटाखों की बिक्री के लिए तय स्थल के अलावा अन्य स्थानों पर खुले में पटाखों की दुकानें लगाकर बिक्री की गई, पुलिस को उन दुकानों को बंद कराने के लिए कहा गया लेकिन दुकानें बंद नहीं कराई गईं।
इसका बुरा असर लाइसेंस लेकर पटाखा बिक्री करने वाले दुकानदारों के व्यापार पर पड़ेगा। उधर, घंटाघर रामलीला मैदान में रविवार सुबह पटाखों की बिक्री के लिए दुकानें लग गईं, वहां भीड़ भी नजर आई।
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