गाजियाबाद के जिला अस्पताल में बनेगी मधुमेह रोगियों की कुंडली, रोज 700 से ज्यादा मरीजों की हो रही जांच
गाजियाबाद के जिला अस्पताल में मधुमेह रोगियों की कुंडली बनाई जाएगी। रोजाना 700 से अधिक मरीजों की जांच होगी। प्रत्येक मरीज का मधुमेह जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा। यह कुंडली ऑनलाइन ओपीडी में उपलब्ध होगी और आभा कार्ड से जोड़ी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य मधुमेह रोगियों की पहचान कर सटीक इलाज करना है।
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मदन पांचाल, गाजियाबाद। जिले की 50 लाख से अधिक आबादी के बीच मधुमेह के छिपे रोगियों को तलाशने और सेहतमंद व्यक्ति के शरीर में आने वाले बदलाव और फिर बेहतर इलाज को लेकर अब चिकित्सक विशेष जांच करने को सक्रिय हो गये हैं। जिला एमएमजी अस्पताल में रोज खून की होने वाली जांचों में मधुमेह की जांच को अनिवार्य किया गया है। ऐसा मरीजों की मधुमेह कुंडली बनाने को किया गया है। इसके लिए प्रत्येक मरीज का मधुमेह की जांच को सैंपल लिया जाएगा।
चिकित्सक की परामर्श पर होने वाली अन्य जांचों के साथ ही यह जांच भी होगी। फिजिशियन डा.आलोक रंजन ने इसको लेकर विशेष डाटा बनाने की कवायद शुरू कर दी है। यह कुंडली बनने के बाद आनलाइन ओपीडी में देश के किसी भी हिस्से में मरीज के जाने पर वहां इलाज कराते समय मधमेह संबंधित डाटा तुरंत स्क्रीन पर आ जाएगा। इस कुंडली को आभा कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा।
पहले चरण में इस प्रक्रिया को जिला एमएमजी अस्पताल में लागू किया जा रहा है। सफल होने पर जिले के अन्य अस्पतालों में इस जांच को शुरू किया जायेगा। इसके तहत संबंधित मरीज के मोबाइल फोन पर पूरी कुंडली बनाकर भेजी जाएगी। यह कुंडली बेहतर इलाज के लिए सहायक बनेगी। जिला एमएमजी अस्पताल में रोज तीन हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं। सात सौ से अधिक मरीजों की जांच पैथालाजी में सैंपल लेने के बाद की जाती है।
ऐसे होगा विवरण तैयार
- सम्पूर्ण मेटाबालिक और मानसिक स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा।
- मरीज की ऊंचाई (हाइट)
- मरीज का वजन (वेट)
- बीएमआइ (बाडी मास इंडेक्स)
- कमर की परिधि (कमर का आकार)
- फास्टिंग इंसुलिन (बिना खाये मधुमेह)
- फास्टिंग सी-पेप्टाइड
- फास्टिंग ब्लड शुगर
- आंतों के स्वास्थ्य से सम्बंधित प्रश्नावली एवं जांच
- मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित प्रश्नावली एवं जांच
इस पहल का उद्देश्य मधुमेह रोगियों की जड़ कारणों की पहचान करना है। जैसे कि इंसुलिन रेज़िस्टेंस, आंतों का असंतुलन, तनाव या जीवनशैली संबंधी कारक। इसके माध्यम से हर मरीज की एक व्यक्तिगत मधुमेह प्रोफाइल तैयार की जाएगी,जिसके आधार पर उपचार अधिक सटीक, समग्र और दीर्घकालिक रूप से प्रभावी बनाया जा सकेगा।
- डॉ. आलोक रंजन, फिजिशियन जिला एमएमजी अस्पताल

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