गाजियाबाद में नाटे बच्चों की लंबाई बढ़ाने का चलेगा अभियान, 11625 बच्चे चिन्हित, 100 क्षेत्र संवेदनशील घोषित
गाजियाबाद में नाटे बच्चों की लंबाई बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें 11625 बच्चे चिह्नित किए गए हैं। 100 क्षेत्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं, जहां विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को उचित पोषण प्रदान करना और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करना है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कद छोटा है तो कोई बात नहीं। शासन के निर्देश पर इन दिनों बौने बच्चों का कद बढ़ाने की कवायद चल रही है। प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई में सर्वे के बाद पाया कि गाजियाबाद में हर साल नाटे बच्चों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। केंद्र सरकार की मंशा है कि साल 2030 तक कुपोषित बच्चों की संख्या खत्म कर दी जाये। इसी को ध्यान में रखकर जिले में 11,625 नाटे और बेहद कमजोर (लो बर्थ वेट)बच्चे चिह्नित किये गये हैं।
वजन और लंबाई चेक करते हुए बच्चों की सेहत ठीक कराने को न्यूट्रीशियन भी बांटा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इन सौ क्षेत्रों को कुपोषित बच्चों के मामले में अतिसंवेदनशील घोषित करते हुए काम तेज कर दिया है। कद बढ़ाने को लेकर आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा सरकारी स्कूल के अध्यापक, ग्राम पंचायत और पटवारी तक की जिम्मेदारी है।
बच्चों की घर तक निगरानी की जा रही है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में नाटेपन (स्टंटिंग) की दर को 40 प्रतिशत तक घटाने को लेकर सीएमओ डाॅ. अखिलेश मोहन का कहना है कि संभव अभियान तहत क्षेत्र वार बच्चों की सूची सभी स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को देने के साथ इनकी प्रगति का भी जायजा लिया जा रहा है। नवंबर में समीक्षा के बाद कद बढ़ने वाले बच्चों का सम्मान किया जायेगा। इलाज करवा रहे बच्चों का भी सम्मान होगा।

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