गाजियाबाद में बनें वायु प्रदूषण के चार नए हॉट स्पॉट, ट्रैफिक जाम और कंस्ट्रक्शन से यहां की हवा हुई खराब
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक सर्वेक्षण में आठ स्थानों को हाॅट स्पाॅट घोषित किया है, जिनमें लालकुआं और मोहननगर भी शामिल हैं। इनमें से चार पिछले वर्ष भी इस सूची में थे। इन क्षेत्रों में जाम, धूल, और निर्माण कार्य प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। बोर्ड अब इन हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में प्रदूषण कम करने के लिए योजना बनाकर काम करेगा और प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाएगी।
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त्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सर्वे कर आठ स्थानों को बनाया हॉट स्पाॅट।
राहुल कुमार, साहिबाबाद। लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए हर वर्ष हाॅट स्पाॅट चिह्नित किए जाते हैं, जिससे इन इलाकों में प्रदूषण के कारकों को खत्म करने के लिए प्राथमिकता से कार्य व कार्रवाई की जा सके। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने बीते वर्ष जिले में छह हाॅट स्पाॅट चिह्नित किए थे। इस वर्ष यह संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
इनमें से चार हाॅट स्पाट बीते वर्ष ही शामिल किए गए हैं, जबकि हॉट स्पाॅट चिह्नित करने का उद्देश्य वहां से प्रदूषण के कारकों को पूरी तरह खत्म करना है। इस बार लालकुआं, मोहननगर समेत कनावनी पुस्ता रोड व विजयनगर एंड साउथ साइड जीटी रोड को भी शामिल किया गया है।
बीते वर्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया था। सर्वे के आधार पर साहिबाबाद, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, भोपुरा-दिल्ली बार्डर, सिद्धार्थ विहार व वसुंधरा चिह्नित किया गया था। यहां टूटी सड़कें, सड़कों पर उड़ती धूल, धुआं, निर्माण गतिविधियों, अधिक यातायात आदि को प्रदूषण का मुख्य कारक माना गया था।
इन समस्याओं को खत्म करने के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई थीं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसका नोडल बनाया गया था, लेकिन इन इलाकों में प्रदूषण के कारकों को खत्म नहीं किया जा सका है। यही कारण है चार हाॅट स्पाॅट ऐसे हैं, जो बीते वर्ष भी शामिल थे। इस बार के सर्वे में चार नए हाॅट स्पाॅट को जोड़ा गया है।
आठ में सात हाॅट स्पाॅट में जाम व धूल कामन समस्या
जिन आठ हाॅट स्पाॅट को इस बार चिह्नित किया गया है। इनमें से सात हाॅट स्पाॅट ऐसे हैं, जिनमें जाम व सड़कों पर उड़ती धूल प्रदूषण का कामन कारण हैं। अधिकारियों की मानें तो वाहनों से निकलने वाला धुआं हवा को सबसे अधिक जहरीली बनाता है।
चार स्थान तीन वर्ष से हाॅट स्पाॅट में हैं शामिल
राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, सिद्धार्थ विहार व भोपुरा-दिल्ली बार्डर बीते तीन वर्ष से हाॅट स्पाॅट में बरकरार हैं। अधिकारियों को अधिक प्रदूषण वाले इलाके भी पता है और वहां अधिक प्रदूषण के कारक भी पता है। इसके बाद भी इन स्थानों को प्रदूषण मुक्त नहीं किया जा सका।
जिन्हें हाॅट स्पाॅट से बाहर किया वहां भी प्रदूषण
वसुंधरा व साहिबाबाद को इस बार हाॅट स्पाॅट से बाहर जरूर किया गया है, लेकिन यहां भी प्रदूषण से राहत नहीं है। साहिबाबाद व वसुंधरा में सड़कों पर उड़ती धूल, खुले में बिकती निर्माण सामग्री, मानकों का उल्लंघन कर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को भी भी इन इलाकों में ये लापरवाही व गतिविधियां संचालित होती मिलीं।
इस वर्ष चिह्नित किए गए हाॅट स्पाॅट व प्रदूषण के कारक
- मोहननगर : वाहनों का दबाव, सड़क पर उड़ती धूल
- राजनगर एक्सटेंशन : वाहनों का दबाव, निर्माण कार्य व सड़क की धूल
- लोनी : अवैध औद्योगिक क्षेत्र, वाहनों का दबाव, खुले में बिकती निर्माण सामग्री, सड़कों की धूल
- भोपुरा-दिल्ली बार्डर : अवैध फैक्ट्री, खुले में बिकती निर्माण सामग्री व सड़क पर उड़ती धूल
- सिद्धार्थ विहार : वाहनों का दबाव, निर्माण कार्य, टूटी सड़कें, उड़ती धूल, निर्माण सामग्री
- कनावनी पुस्ता रोड : वाहनों का दबाव, निर्माण कार्य, टूटी सड़कें, उड़ती धूल, निर्माण सामग्री
- विजय नगर एंड साउथ साइड जीडी रोड : एनएच-नौ वाहनों का दबाव, टूटी सड़कें, धूल, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन
- लालकुआं : सड़कों पर उड़ती धूल, वाहनों का दबाव, निर्माण गतिविधियां
- वर्ष 2024 में चिह्नित किए गए हाॅट स्पाॅट : साहिबाबाद, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, भोपुरा-दिल्ली बार्डर, सिद्धार्थ विहार, वसुंंधरा,
- वर्ष 2023 में चिह्नित किए गए हाॅट स्पाॅट: साहिबाबाद, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, भोपुरा-दिल्ली बार्डर, जीटी रोड साउथ साइड, संजय नगर, सिद्धार्थ विहार
गाजियाबाद में प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत
- वाहनों का दबाव व जाम
- औद्योगिक उत्सर्जन
- सड़क टूटने के कारण वाहनों से धूल उड़ना
- निर्माण गतिविधियां
- खुले में निर्माण सामग्री डालना
- उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन
- अवैध फैक्ट्रियों का संचालन
बृहस्पतिवार को स्टेशनों का एक्यूआई
- वसुंधरा - 308
- संजय नगर - 217
- लोनी - 294
- इंदिरापुरम - 246
बीते दिनों का एक्यूआई
- छह नवंबर - 266
- पांच नवंबर - 207
- चार नवंबर - 325
- तीन नवंबर - 340
- दो नवंबर - 351
- एक नवंबर - 298
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प्रदूषण रोकने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस, नगर निगम, जीडीए समेत सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी अपना-अपना कार्य करेंगे। प्रदूषण बोर्ड की टीम निगरानी करेंगी।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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