गाजियाबाद में और बढ़ा प्रदूषण, संजय नगर की हवा भी 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची
गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है। संजय नगर में भी हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों ने घर से कम निकलने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, जिले का एक्यूआइ शुक्रवार के सापेक्ष शनिवार को 22 अंक की बढोतरी के साथ 392 दर्ज किया गया। हवा कभी भी गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। वहीं, लोनी के बाद संजयनगर की हवा भी गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। यहां का एक्यूआइ 433 दर्ज किया गया। लोनी का एक्यूआइ 443 सबसे अधिक रहा।
नवंबर माह आधा बीत चुका है। इन 15 दिनों में जिले के लोगों को 12 दिन बेहद खराब हवा में रहना पड़ा है। यह हवा स्वस्थ लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है। इससे लोगों को गले में खरास, आंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां हो रही हैं। जिले में किसी क्षेत्र के लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं है। संजय नगर के लोगों को थोड़ी राहत रहती है।
शनिवार को यहां के लोगों को भी अधिक जहरीली हवा में रहना पड़ा। संजय नगर के प्रभाकर शर्मा ने का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो एनसीआर को छोड़ना पड़ेगा। क्योंकि यहां ठोस योजना बनाने के बजाय अधिकारी केवल खानापूरी कर देते हैं। दो-चार फैक्ट्रियों को सील करेंगे और इक्का-दुक्का इलाकों में पानी का छिड़काव करा देंगे। केवल इन कार्यों के होने से प्रदूषण से राहत मिलना संभव नहीं है।
आइक्यू एयर के अनुसार वसुंधरा की हवा सबसे खराब
आइक्यू एयर एप के अनुसार वसुंधरा की हवा सबसे खराब है। दोपहर चार बजे यहां का एक्यूआइ 443 दर्ज किया गया। इसके अलावा लोनी की हवा मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई। संजय नगर व इंदिरापुरम की हवा खराब श्रेणी में रही।
प्रदूषण रोकथाम की कार्रवाई जारी है। इसके लिए पांच टीमें विशेष निगरानी कर रही हैं, जो भी ग्रेप के मानकों का उल्लंघन करते पाया जा रहा है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। - अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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