गाजियाबाद के यूनानी अस्पताल में डीलक्स रूम में भर्ती हो सकेंगे मरीज, एक हजार देना होगा शुल्क
गाजियाबाद के यूनानी अस्पताल में अब मरीजों को डीलक्स रूम की सुविधा मिलेगी। इसके लिए मरीजों को एक हजार रुपये शुल्क देना होगा। अस्पताल में भर्ती होने वाल ...और पढ़ें

मदन पांचाल, गाजियाबाद। राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में मरीज अब डीलक्स रूम में भी भर्ती हो सकेंगे। संस्थान ने 121 डीलक्स के साथ सेमी-डीलक्स रूम में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा शुरू कर दी है। डीलक्स रूम के लिये मरीज को एक हजार रूपये प्रतिदिन की दर से शुल्क देनी होगी।
इस शुल्क के देने पर मरीज को बेहतर इलाज के साथ सुबह की चाय, नाश्ता, लंच,शाम की चाय, रात्रि का भोजन मिलेगा। तीमरदार के लिये सोफा की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा सेमी-डीलक्स रूम में भर्ती होने वाले दो मरीजों को पांच-पांच सौ रूपये का चार्ज देना होगा। खानपान का इंतजाम भी रहेगा।
संस्थान खुलने के बाद शहर में यूनानी चिकित्सा की मांग बढ़ी है। ओपीडी 300 से डेढ़ हजार तक पहुंच गई। रिकार्ड के अनुसार तीन साल में ओपीडी में सात लाख से अधिक मरीज पहुंचे हैं। कमला नेहरू नगर स्थित राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्चुअली किया था।
पहले महीने में केवल सौ मरीज ही ओपीडी में पहुंचे। धीरे-धीरे संसाधनों के साथ चिकित्सकों की संख्या बढ़ने पर मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी। अब जांच के साथ फिजियोथैरेपी की सुविधा बढ़ गई है। गाजियाबाद के अलावा फरीदाबाद,मेरठ, बुलंदशहर और हापुड तक के मरीज पहुंच रहे हैं। संस्थान की ओपीडी देश में पहले स्थान पर पहुंच गई है। कई नई सुविधाओं के शुरू होने से मरीजों की संख्या बढ़ी है।
संस्थान के बारे में जानें
कमला नेहरूनगर में 10 एकड़ जमीन पर 381.42 करोड़ की लागत से बनाए गए राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में यूनानी पद्धति में परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेडिकल कालेज भी बनाया गया है। संस्थान में मुख्य रूप से गठिया, सफेद दाग, एग्जिमा, अस्थमा, माइग्रेन, मलेरिया एंव फाइलेरिया, पेट की समस्या, और हड्डी रोगों का इलाज हो रहा है। यूनानी चिकित्सा पद्धति में औषधियां जड़ी-बूटियों और खनिज पदार्थों से बनती हैं।
बीमारियों की जांच नब्ज और मरीज को देखकर की जाती है। अस्थि रोगों के उपचार में यूनानी चिकित्सा पद्धति कारगर बन रही है। खासकर आर्थराइटिस, स्पांडिलाइसिस, सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस, मांसपेशी संबंधी, रीढ़ संबंधी विकार और परेशानी के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति के तहत दी जाने वाली दवाओं से जल्द राहत मिलनी शुरू हो जाती है। जोड़ों में दर्द के लिए रोगन बाबूना तेल की मालिश से काफी राहत मिलती है।
तीन साल में ओपीडी में पहुंचे मरीजों की संख्या
- अवधि कुल मरीज पुरूष महिला
- अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2023 62765 26391 36376
- जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 309260 131984 177276
- जनवरी 2025 से 10 दिसंबर 2025 329010 129005 200005
यूनानी के अनुसार अगर हम सही से इन छह चीज़ों पर अमल करें , तो बीमारी से हमेशा दूर और सेहतमंद रहेंगे। इनमें अच्छी हवा , अच्छा ख़ानपान, वर्ज़िश करना (व्यायाम), दिमाग़ी सुकून , वक़्त से सोएं और जागें , हमज़ा सही रखें । क़ब्ज़ ना होने दें।
- डा. सलमा चौधरी, यूनानी चिकित्सा संस्थान
पहली बार आया हूं। स्टाफ का व्यवहार अच्छा लगा।चिकित्सक ने तसल्ली से देखने के बाद दवाएं दी हैं।
- अभिजीत मुखर्जी, राजनगर
ओपीडी बढ़ने पर संसाधन एवं सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। 20 चिकित्सकों के साथ पैथालाजी जांच बढ़ा दी गईं हैं। एक्स-रे जांच सुविधा है। डीलक्स एवं सेमी डीलक्स रूम भी मरीजों के लिये खोल दिये गये हैं। सामान्य रूम के लिए वेटिंग चल रही है।
- डा. सैय्यद शाह आलम,निदेशक राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान
पर्ची बनवाने को टोकन मिल गया। थोड़ी देर बाद डाक्टर ने देख लिया। दवा मिलने में भी पांच मिनट ही लगीं।
- बदरूददीन, कैला गांव
यूनानी दवाओं से जोड़ों के दर्द में राहत मिल रही है। छह महीने से इलाज करवा रही हूं। इंतजाम अच्छा है।
- शायरा बानो, लोनी
लोनी से यहां आया हूं। पर्ची बनवाने से लेकर डाक्टर को दिखाने व दवा लेने तक में आधा घंटा ही लगा।
- मोहम्मद अल्ताफ, लोनी
हड्डी रोगों के लिए संस्थान में बेहतर इलाज मिल रहा है। छह महीने से इलाज करवाने पर काफी राहत है।
- मीनाक्षी, गोविंदपुरम

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