अब हरनंदी में नहीं जाएगा नालों का कूड़ा, नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 18 गांवों में बन रहे सिल्ट कैचर
गाजियाबाद में हरनंदी नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 18 गांवों के नालों पर सिल्ट कैचर और फिल्टर चैंबर बनाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य नदी में कूड़ा जाने से रोकना है। नदी के किनारे पौधारोपण की भी तैयारी है। जिलाधिकारी ने नालों की सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं ।
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। हरनंदी नदी के किनारे स्थित 18 गांवों के नालों पर सिल्ट कैचर और फिल्टर चैंबर बनाने का कार्य किया जा रहा है। इससे नालों का कूड़ा नदी में नहीं जाएगा, नदी में स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा नदी के किनारे हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधारोपण भी किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगले मानसून सीजन में पौधारोपण किया जाएगा।
जिले में हरनंदी नदी के किनारे मोरटी, मथुरापुर, अटौर, मकरैड़ा महमूदाबाद, असालतनगर फर्रुखनगर, भनेड़ा खुर्द, मुर्तजाबाद भूपखेड़ी, सिरौरा सलेमपुर, नेकपुर साबितनगर, भदौली, खौराजपुर विहंग, रेवड़ा - रेवड़ी, सुराना, मतौर, कुन्हैड़ा गौर सुठारी गांव हैं। इन गांवाें में लोग नालियों में कचरा भी बहा देते हैं, जो कि नालियों से नालों में होते हुए नदी तक पहुंचता है। इससे नदी में गंदगी होती है।
जिला पंचायत राज अधिकारी जाहिद हुसैन ने बताया कि नदी को स्वच्छ बनाने के लिए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने नालों की सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में नदी के किनारे बने 18 गांवों में नालों पर सिल्ट कैचर और फिल्टर चैंबर बनाया जा रहा है। लगभग 60 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। नवंबर माह में कार्य पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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