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    MMG अस्पताल के ICU को बेहतर तरीके से चलाने की कवायद तेज, गाजियाबाद के मरीजों को मिलेगी सुविधा 

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 08:52 AM (IST)

    गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में आईसीयू को बेहतर ढंग से चलाने की कवायद तेज हो गई है। इस सुधार से गाजियाबाद के मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी और उन्हें दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन आईसीयू को आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। यशोदा मेडिसिटी के सहयोग से जिला एमएमजी अस्पताल के आइसीयू को बेहतर तरीके से चलाने की कवायद तेज हो गई है। आइसीयू में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों का इलाज इंदिरापुरम स्थित यशोदा मेडिसिटी के विशेषज्ञों के सहयोग से आनलाइन वीडियो कंसलटेंसी के माध्यम से होगा। शनिवार को इसका ट्रायल किया गया।

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    आइसीयू में सभी उपकरण लगा दिये गये हैं। इस संबंध में एक एमओयू साइन किया जाएगा। बता दें कि 13 अक्टूबर को यशोदा मेडिसिटी की तीन सदस्यीय टीम ने आइसीयू का दौरा करके वहां उपलब्ध मेडिकल संसाधन एवं जरूरी संसाधनों को लेकर पूरी जानकारी हासिल की थी। इसी क्रम में शनिवार को अस्पताल के सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह और यशोदा मेडिसिटी के विशेज्ञों के बीच ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से सीधी बातचीत हुई।

    मरीज को देखने के बाद विशेषज्ञों ने सलाह भी दी। ट्रायल सफल होने के साथ ही अब 24 घंटे विभिन्न रोगों के विशेषज्ञों की आनलाइन सलाह ली जा सकेगी। अस्पताल में पांच बेड की आइसीयू है। इसके साथ ही आइसीयू डिजिटल हो गया है। आवश्यकता पड़ने पर तुरंत एक-दूसरे से सलाह ली जा सकेगी। इसके संचालन के लिए एक सेंट्रल रूम बनाया गया है। इसमें 24 घंटे इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध रहेगी, ताकि कार्य सुचारू रूप से चल सके। इससे निजी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की दूरी खत्म करने में मदद मिलेगी।

    यशोदा मेडिसिटी में अत्याधुनिक उपकरणों और अनुभवी विशेषज्ञों की सुविधा मौजूद है। दोनों अस्पतालों के चिकित्सक मिलकर गंभीर मरीजों को बेहतर और सुरक्षित इलाज प्रदान कर सकेंगे। 24 घंटे मरीजों की निगरानी होगी। अभी तक हालत बिगड़ने पर मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाता है। मरीजों के डेटा एक्सचेंज, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सलाह और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल होंगे। यह सहयोग सफल हुआ तो आइसीयू बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी। दिसंबर 2024 में शुरू किये गये आइसीयू में वेंटिलेटर बेड, मैनपावर , मशीनों के साथ ओटी के हिसाब से उपकरणों की कमी के चलते मरीजों को पूरी सुविधा नहीं मिल पा रही है।

    इमरजेंसी में दो मरीजों की मौत

    जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में शनिवार को दो मरीजों की मौत हो गई। इनमें सेवानगर के रहने वाले 55 वर्षीय राजेन्द्र की हार्ट अटैक के चलते और वृंदावन कम्पाउंड के रहने वाले 33 वर्षीय अश्विनी की पुरानी चोट में संक्रमण बढ़ने से मौत हो गई। सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उक्त दोनों को मृतावस्था में लाया गया था। शनिवार को भी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ी। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में शनिवार को ढ़ाई सौ मरीज सांस लेने और घबराहट होने की शिकायत पर पहुंचे। कुल कराए गए 166 में से 103 मरीजों का चेस्ट एक्स-रे कराया गया। 24 मरीजों को भर्ती किया गया ।

    ओपीडी में 47 बच्चों समेत बुखार के 385 मरीज पहुंचे। जिला एमएमजी अस्पताल, संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल और डूंडाहेड़ा अस्पताल की ओपीडी में कुल 3,602 मरीज पहुंचे। इनमें 1,635 महिला, 1,350 पुरूष और 560 बीमार बच्चे शामिल रहे। फिजिशियन डा. संतराम वर्मा ने बताया कि ओपीडी में दीपावली के बाद सांस लेने में परेशानी, पेट में संक्रमण और जोड़ों में दर्द के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक चेस्ट इंफेक्शन के मरीज पहुंच रहे हैं। उनकी सलाह है कि सुबह शाम टहलना बंद कर दें। घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगायें। अस्थमा, हृदय और अन्य गंभीर बीमारी के मरीजों को खास सावधानी बरतनी चाहिये।

    45 बच्चों समेत 304 ने लगवाई एंटी रेबीज वैक्सीन

    सरकारी अस्पतालों में शनिवार को कुत्ते,बिल्ली और बंदरों के काटने पर कुल 304 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे। सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें पहली डोज लगवाने वाले 45 बच्चों समेत 134 लोग शामिल हैं। जिला एमएमजी अस्पताल में 184 में से 26 बच्चों समेत 98 लोगों ने पहली डोज लगवाई। संयुक्त अस्पताल में 120 में से 19 बच्चों समेत 36 लोगों को पहली डोज लगाई गई। तीन बच्चों समेत नौ लोगों को एंटी रेबीज सीरम भी लगाया गया। दोनों अस्पतालों में 21 बुजुर्गों ने भी कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई।

    आज शहर में वीआइपी, पांच जिलों के चिकित्सक करेंगे ड्यूटी

    शहर में रविवार को आधा दर्जन से अधिक वीआइपी आ रहे हैं। ऐसे में एक वीआइपी के लिए एक फ्लीट के साथ एक मेडिकल टीम तैनात रहेगी। इसके लिए गाजियाबाद के अलावा गौतमबुद्ध नगर, हापुड, मेरठ और बुलंदशहर के चिकित्सक एवं एंबुलेंस की ड्यूटी लगाई गई है।

    ट्रांस हिंडन में एक सेफ हाउस भी बनाया गया है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि इमरजेंसी सेवा में कार्यरत चिकित्सकों को ड्यूटी से मुक्त रखा गया है। रविवार को ओपीडी नहीं है। ऐसे में अन्य चिकित्सकों की वीआइपी ड्यूटी लगाई गई है।