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    UP News: फर्जी कागज बनाकर डॉक्टर को बेचा 36 लाख का प्लॉट, जब GDA के दफ्तर पहुंचे तो उड़े होश

    Updated: Tue, 01 Apr 2025 02:15 PM (IST)

    गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में एक डॉक्टर से प्रॉपर्टी डीलर ने प्लॉट के नाम पर 36.40 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपित ने नोएडा अथॉरिटी का कर्मचारी बताकर एक व्यक्ति से मिलवाया और रकम ऐंठ ली। बाद में प्लॉट के दस्तावेज फर्जी मिले। मामले में डॉक्टर ने शालीमार गार्डन थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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    प्लॉट बेचने में फर्जीवाड़ा। (प्रतीकात्मक तस्वीर सौ.- जागरण)

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। शालीमार गार्डन क्षेत्र में नर्सिंग होम संचालित करने वाले चिकित्सक से प्लॉट के नाम पर 36.40 लाख रुपये हड़प लिए। आरोपित प्रॉपर्टी डीलर ने नोएडा में प्लॉट दिलवाने का झांसा दिया। उनको नोएडा अथॉरिटी का कर्मचारी बताकर एक व्यक्ति से मिलवाया और रकम ऐंठ ली।

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    बाद में प्लॉट के दस्तावेज फर्जी मिले। मामले में चिकित्सक शालीमार गार्डन थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। राजेंद्रनगर में डॉ. अनिल कुमार सेठ का नर्सिंग होम है। पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर अवधेश झा से उनकी 10 साल से जान-पहचान थी।

    कहा था- ऑडिट विभाग में करता हूं काम

    उन्होंने अवधेश से अस्पताल के लिए एक प्लॉट दिलवाने के लिए कहा था। अवधेश ने उनकी मुलाकात ग्रेटर नोएडा में रहने वाले सुमित ठाकुर से करवाई। अवधेश ने बताया कि सुमित ठाकुर नोएडा अथॉरिटी में कर्मचारी है। वह ऑडिट विभाग में काम करता है।

    गाजियाबाद अथॉरिटी क्षेत्र में दिखाए थे कुछ प्लॉट

    अथॉरिटी में कई प्लॉट ऐसे होते हैं, जिनका आवंटन रद हो जाता और उनका रि-अलॉटमेंट होता है। सुमित ऐसे प्लॉट उन्हें दिलवा देगा। सुमित के दिखाए कुछ प्लॉट में से एक उन्हें पसंद आया।

    उसने गाजियाबाद अथॉरिटी क्षेत्र के कुछ प्लॉट भी दिखाए थे। उन्होंने प्लॉट के कागजात मांगे तो सुमित ने ऑफिस में होने की बात कहते हुए कहा कि यह प्लॉट नकद रकम देने पर ही मिलेगा। जो रकम वह देंगे वह प्राधिकरण में जमा करा दी जाएगी।

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    नोएडा एक्सटेंशन बुलाया और...

    डॉ. अनिल ने बिना कागज देखे रकम देने से इनकार कर दिया। आरोप है कि इसके बाद सुमित ने उन्हें वाट्सएप पर कॉल करके रुपये अवधेश के खाते में भेजने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने अवधेश के खाते में 2.20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद सुमित उन्हें नोएडा एक्सटेंशन बुलाया और अपनी पत्नी पूजा से मिलवाया।

    सुमित ने कहा कि आज ही प्राधिकरण में रुपये जमा होने हैं और साइट चल नहीं रही है, इसलिए पूजा के खाते में रुपये डाल दीजिए। सुमित ने उनसे कहा कि रुपयों की रसीद मिलने में एक महीने का समय लग जाता है। वह फिर से झांसे में आ गए और पूजा के खाते में 4.20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

    इसके बाद अवधेश, पूजा और सुमित ने मिलकर उनसे प्लॉट के नाम पर कई बार में रकम ऐंठ ली। सुमित ने उन्हें गाजियाबाद के प्लॉट के पेपर उन्हें दिए, जिनकी जांच करवाने पर पता चला कि जीडीए से इस तरह के कोई पेपर जारी ही नहीं हुए हैं।

    दिल्ली का पता भी निकला फर्जी

    डॉ. अनिल ने बताया कि वह सुमित के फ्लैट पर गए तो वह खाली कर वहां से चला गया। पता चला कि सुमित दिल्ली में रह रहा है, लेकिन दिल्ली का पता भी फर्जी निकला। वाट्सएप पर बातचीत में सुमित रकम लौटाने के लिए बहाने बनाता रहा।

    उसने एक-एक लाख रुपये के चेक भी उन्हें दिए, लेकिन डॉ. अनिल को इसे भी रकम नहीं मिली। डॉ. अनिल का आरोप है कि रुपये मांगने पर वह लगातार बहाने बनाता रहा। एसीपी शालीमार गार्डन सलोनी अग्रवाल ने बताया कि सुमित, उसकी पत्नी और प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।