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    Ghaziabad News: गैंगस्टर रवि जाटव ने कबूला जुर्म, कोर्ट ने सुनाई दो साल 9 महीने की सजा

    गाजियाबाद में गैंगस्टर रवि जाटव जो गिरोह बनाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। रवि जाटव ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए कम सजा की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने उसे दो साल नौ महीने की सजा सुनाई और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

    By Hasin Shahjama Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 28 Aug 2025 08:07 AM (IST)
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    आरोपित गिरोह बनाकर चोरी करता था। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददता, गाजियाबाद। गिरोह बनाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे देने वाले गैंगस्टर रवि जाटव ने कोर्ट में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। गैंगस्टर ने कम से कम सजा देने की गुहार लगाई। बुधवार को कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए दो वर्ष नौ माह की सजा सुनाई।

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    आरोपित गिरोह बनाकर करता था चोरी

    मसूरी पुलिस को 12 फरवरी 2023 को सूचना मिली कि गैंग का सरगना नजब खान अन्य बदमाश इरफान, रवि जाटव और अनीस अहमद के साथ मिलकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। लोगों में गिरोह का भय व्याप्त है।

    वह समाज विरोधी क्रिया कलाप में संलिप्त है। रवि जाटव पर कई थानों में रिपोर्ट दर्ज हैं। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की। आरोपित रवि जाटव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया।

    इस मामले में पुलिस की गवाही हुई। 18 अगस्त को आरोपित द्वारा घटना को सही होना कहा। उसने सफाई देने से मना कर दिया। अपना जुर्म स्वेच्छा स्वीकार किया। उसने कोर्ट से गुहार लगाई कि उसे कम से कम सजा व जुर्माना किया जाए।

    दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अवलोकन किया। जिसमें पाया गया कि रवि जाटव के अपराधों से समाज में भय और आतंक व्याप्त हुआ है। आरोपित द्वारा स्वीकृत करने पर अपराध साबित व प्रमाणित है।

    विशेष न्यायाधीश जुनैद मुजफ्फर की कोर्ट ने रवि जाटव को दोषी करार दिया। इसके बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि रवि गरीब व्यक्ति है। वह घर में अकेला कमाने वाला है। वह जेल से रिहा होने के बाद ईमानदारी और मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करेगा।

    वह जेल में बंद है। उसे न्यूनतम सजा दी जाए। कोर्ट रवि जाटव दो वर्ष नौ माह की सश्रम कारावास सजा सुनाई। उस पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। दोषी द्वारा जेल में बताई गई अवधि उसकी सजा में समायोजित होगी।