गाजियाबाद के अस्पताल की इमरजेंसी में मौतों का आंकड़ा बढ़ा, ओपीडी में मरीजों की भीड़
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में मृत अवस्था में लाए गए लोगों की संख्या बढ़ी है। बीते 24 घंटों में तीन बुजुर्गों समेत पांच लोगों को मृत लाया गया जिनमें मौत का कारण सांस लेने में तकलीफ और बुखार बताया गया है। अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है जिससे पर्ची काउंटर पर दबाव बढ़ गया है। वहीं अस्पताल में आवारा कुत्तों की समस्या भी बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में इन दिनों मृत अवस्था में पहुंचने वालों की संख्या बढ़ गई है। सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, 24 घंटे में तीन बुजुर्गों समेत पांच लोगों को परिजन मृत अवस्था में इमरजेंसी में लेकर आए। चार के शवों को ईएमओ ने मृत घोषित कर परिजनों को सौंप दिया, जबकि महिला मंजू का शव मोर्चरी भेज दिया गया है।
मृतकों में 28 वर्षीय अरुण, 63 वर्षीय किरन, 81 वर्षीय धारी धर्मराज, 70 वर्षीय किशनलाल और 32 वर्षीय मंजू शामिल हैं। सीएमएस का दावा है कि परिजनों द्वारा बताई गई चारों की मौत का कारण सांस लेने में तकलीफ और बुखार है।
सोमवार को जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल और डूंडाहेडा अस्पताल की ओपीडी में कुल 4033 मरीज पहुंचे। इनमें 595 बीमार बच्चे शामिल हैं। 1873 महिलाएं और 1463 बीमार पुरुष पहुंचे। ओपीडी में आए मरीजों में 72 बच्चों समेत बुखार के 460 मरीज मौजूद थे। सीएमएस के अनुसार, ज्यादातर मरीज बुखार, खांसी और उल्टी-दस्त के आ रहे हैं। अधिक मरीजों के आने से पर्ची काउंटर पर सर्वर डाउन हो गया। पर्याप्त बेड भी नहीं हैं।
नियुक्ति पत्र वितरित
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने स्वास्थ्य विभाग के लिए 1112 कनिष्ठ लिपिक और 22 एक्स-रे टेक्नीशियन का चयन किया है। सोमवार को लखनऊ में सभी को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि गाजियाबाद को नौ कनिष्ठ लिपिक मिले हैं। आयोजित कार्यक्रम में नगर विधायक संजीव शर्मा ने चयनित सेवकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. अमित विक्रम सिंह, सीएमएस डॉ. राकेश कुमार और डॉ. आरके गुप्ता मौजूद रहे।
जिला एमएमजी अस्पताल में आवारा कुत्तों की भरमार है। सोमवार को जब मरीज़ ज़्यादा आते हैं, तो आवारा कुत्तों की सक्रियता भी बढ़ जाती है। ओपीडी से लेकर वार्डों तक कुत्ते घूमते रहते हैं। सोमवार को मरीज़ों के लिए बने वेटिंग रूम में कई कुत्ते सो रहे थे। मरीज़ भी वहीं बैठे थे। सुरक्षाकर्मियों के पास इन आवारा कुत्तों को भगाने का भी समय नहीं था।
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