गाजियाबाद के जिला जज आशीष गर्ग का निधन, हर्निया के ऑपरेशन के बाद आया हार्ट अटैक
गाजियाबाद के जिला जज आशीष गर्ग का यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हर्निया ऑपरेशन के बाद हार्ट अटैक से निधन हो गया। ऑपरेशन के बाद उनकी हालत स्थिर थी लेकिन सोमवार सुबह बाथरूम में हार्ट अटैक आने से उनकी जान चली गई। इस घटना से शोक की लहर है। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला जज आशीष गर्ग का सोमवार को इंदिरापुरम के यशोदा मेडीसिटी अस्पताल में हार्ट अटैक आने पर निधन हो गया। रात आठ बजे हरनंदी श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में अधिवक्ता और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
अस्पताल की की ओर से बताया गया कि मरीज को नियोजित सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था। सर्जरी सफलतापूर्वक हो गई थी। वह सोमवार को बाथरूम गए थे। उन्हें वहां अचानक हार्ट अटैक आ गया। मेडिकल टीम ने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं, सोमवार को भी कचहरी में कामकाज चल रहा था। दोपहर लगभग तीन बजे कोर्ट में अधिवक्ताओं को सूचना मिली की जिला जज का निधन हो गया है। इसके बाद सभी वकीलों ने न्यायिक कार्य बंद कर उन्हें देखने के लिए निकल पड़े।
कचहरी में वादकारी और अधिवक्ता जज के निधन की चर्चा करते हुए नजर आए। बड़ी संख्या में वादकारी कचहरी से लौट गए। अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर को गांधीनगर स्थित जिला जज आवास पर लाया गया। रात लगभग आठ बजे हरनंदी श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
तमाम अधिकारियों के साथ सामाजिक और राजनैतिक लोग भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि जिला जज आशीष गर्ग बहुत मिलनसार व्यक्ति थे। उनके आने के बाद फरियादियों को न्याय मिलने में तेजी आई। बार एसोसिएशन के सचिव अमित नेहरा ने बताया कि जिला जज कहते थे कि किसी बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए। मुकदमाें का निपटारा समय पर होना चाहिए।
2011 में पहली बार आगरा में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज बने
मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी आशीष गर्ग का वर्ष 2011 में न्यायिक सेवा में चयन हुआ था। बोर्ड परीक्षा से लेकर एलएलबी की परीक्षा उन्होंने प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। वह वर्ष 2011 में पहली बार आगरा में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज बने। अपने कार्यकाल में वह छह वर्ष तक वह प्रतिनियुक्ति पर हाई कोर्ट में रजिस्ट्रार और स्पेशल विजिलेंस आफिसर के रूप में तैनात रहे। वह रायबरेली में अपर सत्र न्यायाधीश और स्पेशल जज के रूप में तैनात रहे। वर्ष 2023 से 2025 तक वह मथुरा के जिला जज रहे। उनके निधन होने पर मंगलवार को जिला न्यायालय गाजियाबाद में अवकाश घोषित किया गया है।
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