गाजियाबाद में मिले उच्च रक्तचाप के अधिक मरीज, 62 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पुष्टि
गाजियाबाद में एनसीडी जांच के दौरान उच्च रक्तचाप और कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी गई है। अप्रैल से सितंबर तक की रिपोर्ट में 244 मरीजों में उच्च रक्तचाप और 62 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को सतर्क कर रहा है और जांच के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। एनसीडी जांच में जिले में सबसे अधिक उच्च रक्तचाप के मरीज मिल रहे हैं। अप्रैल से छह सितंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार चारों विकास खंडों में कुल 1558 मरीजों को संदिग्ध उच्च रक्तचाप के रूप में जांच के लिए रेफर किया गया था।
इनमें से 244 मरीजों में उच्च रक्तचाप की पुष्टि हुई है। इनमें से सबसे अधिक मरीज (120) भोजपुर में, 112 राजापुर में और 12 लोनी में मिले। कुल 354 संदिग्ध कैंसर मरीजों की जांच की गई। इनमें से केवल दो मरीजों में मुख कैंसर की पुष्टि हुई। 910 मरीजों को मधुमेह की जांच के लिए जिला स्तरीय अस्पतालों में भेजा गया।
इनमें से 22 मरीजों में मधुमेह की पुष्टि हुई। चारों विकास खंडों में कुल 204 संदिग्ध स्तन कैंसर मरीजों की जांच की गई। इनमें से 16 महिलाओं में स्तन कैंसर की पुष्टि हुई। इनका इलाज डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में किया जा रहा है। अधिकांश कैंसर मरीज प्रथम चरण में हैं।
सर्वाइकल कैंसर की 204 संदिग्ध महिलाओं की जांच करने पर 62 में सर्वाइकल कैंसर पाया गया। खास बात यह है कि सभी महिलाएं भोजपुर विकास खंड के अलग-अलग गांवों की हैं। जिन गांवों में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पाया गया है, वहां जागरूकता शिविर लगाकर महिलाओं को सतर्क और सावधान रहने की जानकारी दी जा रही है। उन्हें सुरक्षित यौन संबंध बनाने की सलाह दी जा रही है।
अप्रैल से अब तक कुल 3,30426 लोगों की यह जांच की जा चुकी है। डिप्टी सीएमओ डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि मुंह का कैंसर धूम्रपान, तंबाकू खाने और मुंह की सफाई न करने से होता है। स्तन कैंसर स्तन में समय-समय पर होने वाले हल्के दर्द को नजरअंदाज करने से होता है।
सर्वाइकल कैंसर का कारण सुरक्षित यौन संबंध न बनाना है। बता दें कि गैर संचारी रोगों का पता लगाने के लिए सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल में रोजाना जांच की जाती है। एनसीडी विंग में ओरल क्लीनिक भी खोला गया है।
ज्यादातर मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से रहे हैं। यह अलग बात है कि जिले में सरकारी स्तर पर कैंसर के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन हायर सेंटर रेफर होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ज़्यादातर मरीज़ों को दिल्ली, नोएडा और मेरठ रेफर किया जा रहा है।
एनसीडी स्क्रीनिंग में पाए गए मरीजों का विवरण
रोग | कुल पुष्ट रोग |
---|---|
उच्च रक्तचाप | 244 |
मधुमेह | 22 |
मुँह का कैंसर | 2 |
स्तन कैंसर | 16 |
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर | 62 |
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