बढ़ी दर पर ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवा रहे निगम अधिकारी, लोगों ने पूछा- कहां गई वृद्धि वापसी की घोषणा
गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके के निवासियों ने नगर निगम पर संपत्तिकर में बढ़ी हुई दरों पर वसूली का आरोप लगाया है। निवासियों का कहना है कि वृद्धि वापस लेने की घोषणा के बावजूद उनसे पुराने दर पर ही कर जमा कराया जा रहा है। निगम अधिकारी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पार्षदों का विरोध भी अब ठंडा पड़ गया है।

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। नगर निगम में संपत्तिकर को लेकर तमाम संघर्ष के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। लोगों का आरोप है कि निगम के अधिकारी बढ़ी हुई दर पर ही बिल को जमा करा रहे हैं।
जोनल कार्यालय में जाने पर न तो बिल संशोधित किए जा रहे हैं और न ही की गई वृद्धि को कम किया जा रहा है। कार्यालय में तैनात कर्मचारी इस तरह के आदेश न मिलने का दावा कर रहे हैं।
बढ़ी दरों पर बनाया बिल
वसुंधरा सेक्टर- 14 निवासी सरोज देशप्रेमी ने बताया कि मंगलवार को वह नगर निगम में अपना संपत्तिकर जमा कराने पहुंचे। साथ में पिछली साल का बिल लिया और मौके पर ही इस वित्तीय वर्ष का बिल बनाया।
उन्होंने बताया कि पिछले साल 3,859 रुपये का संपत्तिकर दिया था, जो इस बार 8,442 रुपये जमा कराया गया। पूछने पर तैनात कर्मचारी ने साफ कहा कि यही बिल जमा करना पड़ेगा।
ऐसे ही उनके भाई की संपत्ति पर पिछले साल जमा किए 7,920 रुपये के मुकाबले अधिकारियों ने इस बार 17,324 रुपये जमा कराए। निगम के अधिकारियों ने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
पार्षदों का संघर्ष भी पड़ा ठंडा
निगम के पूर्व और वर्तमान पार्षदों ने डीएम सर्किल रेट के मुताबिक संपत्तिकर वसूले जाने का कड़ा विरोध किया। लोगों का समर्थन भी मिला और सदन में बैठक के दौरान नगर निगम को वृद्धि स्थगित करनी पड़ी।
बैठक के मिनट्स के लिए फिर पार्षदों ने निगम मुख्यालय पर धरना तक दिया और आश्वासन मिलने के बाद उठ गए। लोगों का कहना है कि संपत्तिकर पर स्पष्ट जानकारी न मिलने से परेशानी हो रही है। पार्षद भी इस मुद्दे पर अब बचते दिख रहे हैं।

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