गाजियाबाद में दो विभागों के फेर में फंसा NH-58 का हैंडओवर, लाखों लोग झेल रहे परेशानी
गाजियाबाद में एनएच 58 के हस्तांतरण में देरी हो रही है। पीडब्ल्यूडी क्षतिग्रस्त सड़क को लेने के लिए तैयार नहीं है जबकि एनसीआरटीसी ने नमो भारत ट्रेन लाइन के निर्माण के लिए राजमार्ग को संभाला था। राजमार्ग पर कई गड्ढे हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। पीडब्ल्यूडी सड़क की मरम्मत की मांग कर रहा है जिससे लाखों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

हसीन शाह, गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड (एनएच 58) एनसीआर का अहम हाईवे है। मोदीनगर व मुरादनगर कस्बे की बड़ी आबादी और 127 गांव के लोग इस सड़क का प्रयोग करते हैं। देश की पहली नमो भारत ट्रेन इस हाईवे से होकर गुजर रही है। यह हाईवे तीर्थ यात्रियों के लिए सबसे अहम माना जाता रहा है।
देशभर से लोग केदारनाथ, बद्रीनाथ, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री और हरिद्वार जाने के लिए इस हाईवे का प्रयोग करते हैं। इस पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति से वाहन दौड़ते हैं। ऐसे में एक गड्ढा भी इस हाईवें पर जानलेवा साबित हो सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक इस हाईवे से प्रतिदिन दो लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। पूर्व में इस हाईवे की देखरेख का जिम्मा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास था। पीडब्ल्यूडी ने नमो भारत ट्रेन लाइन का स्ट्रक्चर बनाने के लिए हाईवे को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को हैंडओवर कर दिया था।
पीडब्ल्यूडी क्यों नहीं कर रहा है एनएच 58 पर काम?
अब नमो भारत ट्रेन संचालन शुरू होने पर एनसीआरटीसी इसे फिर से पीडब्ल्यूडी के हैंडओवर करना चाहता है, लेकिन पीडब्ल्यूडी क्षतिग्रस्त सड़क का हैंडओवर लेने को तैयार नहीं है। वर्षा का पानी भरने से इस पर अधिक गड्ढे हो गए हैं। कई गड्ढे तो इतने गहरे हैं कि तेज गति में जान ले सकते हैं। दोनों विभागों के फेर में प्रतिदिन लाखों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
गाजियाबाद सीमा क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी ने न्यू बस अड्डे से लेकर कादराबाद तक एनएच 58 का हैंडओवर एनसीआरटीसी को दिया था। इस खंड की लंबाई 30 किलोमीटर है। एनसीआरटीसी ने 30 किलोमीटर हिस्से की मेंटनेंस के लिए चार प्रोजेक्ट मैनेजर तैनात किए हैं। नमो भारत ट्रैक का स्ट्रक्चर बनाने के लिए एनसीआरटीसी ने हाईवे का हैंडओवर वर्ष 2019 में लिया था।
राजनगर एक्सटेंशन चौराहे के पास पुल के नीचे दिल्ली मेरठ रोड पर हो रहे गड्ढे। जागरण
पहले यह हाईवे चार लेन का था। हाईवे के बीच में निर्माण कार्य कराने के लिए एनसीआरटीसी ने इसे छह लेन का बनाया। नमो भारत ट्रैक और स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा होने पर एनसीआरटीसी से इसका हैंडओवर पीडब्ल्यूडी को वापस लेना था।
ऐसे में पिछले एक वर्ष से एनसीआरटीसी इसका हैंडओवर पीडब्ल्यूडी को देने के लिए कई बार पत्र लिख चुका है लेकिन पीडब्ल्यूडी सड़क पर खामियां बताकर हैंडओवर नहीं ले रहा है। पीडब्ल्यूडी का आरोप है कि एनसीआरटीसी ने सड़क बनाते समय जगह-जगह पुलिया को दबा दिया। इससे जल निकासी प्रभावित हो गई है।
वर्षा होने पर एनएच पर जलभराव हो रहा है। सड़क पर गड्ढे हो गए हैं। जब तक सड़क की पूरी तरह मरम्मत नहीं होगी और तमाम कमियां दूर नहीं होंगी पीडब्यूडी हैंडओवर नहीं लेगा। वर्षा में सड़क पर गड्ढे होने की वजह से हैंडओवर की प्रक्रिया अब और लंबी खिंच सकती है। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी।
एनसीआरटीसी की ओर से बताया गया है कि सड़क को पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित करने के लिए कई प्रयास किए जा चुके हैं। यह सड़क एनसीआरटीसी को दो हिस्सों में ही दी गई थी और वैसे ही इस सड़क को हस्तांतरित करने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। आवश्यकता अनुसार सड़क की मरम्मत समय-समय पर एनसीआरटीसी द्वारा की जा रही है। जिससे यातायात संचालन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
नंबरगेम:
- 127 गांवों के लोग अधिक संख्या में करतें एनएच 58 का प्रयोग
- 220000 लोग मुरादनगर में रहते हैं, जो इस रोड का प्रयोग करते हैं
- 336000 लोग मोदीनगर में रहते हैं जो इस हाईवे का प्रयोग करते हैं।
गुलधर से दुहाई तक गड्ढों की स्थिति
- मेरठ जाने की दिशा में कुल गड्ढे : 26
- दिल्ली जाने की दिशा में कुल गड्ढे : 18 गड्ढे
दुहई से गुलधर के बीच इन पिलर नंबर के पास हैं गड्ढे
पिलर नंबर 730, 738, 727, 712, 706, 704, 690, 684, 673, 660, 623, 619, 620, 616, 613, 611, 688, 736, 747, 751, 754, 739, 731 के पास गड्ढे हैं।
पीडब्ल्यूडी ने यह शर्तें बताईं
- पीडब्ल्यूडी क्षतिग्रस्त सड़क का हैंडओवर नहीं लेगा
- सड़क बनाने में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता ठीक होनी चाहिए
- सड़क के नीचे दबी पुलिया को चालू कराया जाए
गड्ढों से हो गया कमर में दर्द
ज्ञानेंद्र शर्मा ने बताया कि वह प्रतिदिन मोदीनगर के गाजियाबाद ड्यूटी करने के लिए जाते हैं। तेज गति में वाहन चलाते समय अचानक गड्ढा सामने आने पर हादसा हो सकता है।
इन गड्ढों की वजह से ही अब मेरी कमर में दर्द रहने लगा है। सौरभ शर्मा ने बताया कि वह प्रतिदिन एनएच 58 का प्रयोग करते हैं। गड्ढे की वजह से उनकी कमर में दर्द रहने लगा है। उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
एनएच 58 पर गड्ढे हो गए हैं। सड़क पर पानी भरता है। जब तक एनसीआरटीसी सड़क को गड्ढामुक्त और सभी कमियों को दूर नहीं करेगा तब तक विभाग हैंडओवर नहीं लेगा। जब तक हाईवे एनसीआरटीसी के पास है विभाग उस पर कोई कार्य नहीं करेगा।
- रामराजा, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी।
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