Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Nepal Gen-Z Protest: काठमांडू में फंसे गाजियाबाद के दो परिवार, भारत में फोन कर सुनाया आंखों देखा खौफनाक मंजर

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 08:05 AM (IST)

    Nepal Gen Z Protest गाजियाबाद के इंदिरापुरम के दो परिवार काठमांडू में हिंसा के कारण फंसे हुए हैं। उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि कैसे उन्होंने आगजनी और तोड़फोड़ देखी। होटल में सुरक्षा गार्डों के भरोसे ही सुरक्षा थी। फ्लाइटें रद्द होने से वे वापस नहीं आ पा रहे हैं और उन्होंने भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई है।

    Hero Image
    पत्नी ममता अरोड़ा संग राजकुमार अरोड़ा व पत्नी संगीता शर्मा संग उमेश l सौ. स्वयं

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। सड़क पर लोगों का सैलाब, चीखने और चिल्लाने की आवाजें और चारों तरफ आग की लपटों से घिरी इमारतें, मौत का ऐसा मंजर, जिसने दो रात से सोने नहीं दिया। हर पल यह लगा कि कहीं भीड़ उनके होटल का रुख न कर ले और फिर देश लौटना ही न हो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेपाल में चल रही हिंसा के बीच काठमांडू में फंसे इंदिरापुरम एटीएस सोसायटी के दो परिवारों ने दैनिक जागरण से कॉल पर आंखों देखा हाल बयां किया। दोनों परिवार आठ सितंबर यानी हिंसा वाले दिन से ही होटल में फंसे हुए हैं। बुधवार को वापसी का टिकट था लेकिन हवाई यात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद होने पर अब लौटने का भी नहीं पता।

    घूमने के लिए गए थे काठमांडू

    एटीएस सोसायटी के रहने वाले उमेश कुमार, उनकी पत्नी संगीता, दोस्त राजकुमार अरोड़ा और उनकी पत्नी ममता अरोड़ा के साथ घूमने के लिए काठमांडू गए थे। उमेश पेशे से कारोबारी हैं और गैस एजेंसी और सीएनजी पंप का संचालन करते हैं जबकि राजकुमार अरोड़ा नौकरी करते हैं।

    दोनों परिवार छह सितंबर को छुुट्टियां बिताने के लिए काठमांडू पहुंचे। इसी दिन इनकी फ्लाइट पोखरा के लिए थी। पोखरा घूमने के बाद दोनों आठ सितंबर को वापस काठमांडू लौट आए और बरही होटल में कमरे बुक किए। थोड़ी देर बाद ही भारी हिंसा की खबर आने लगी।

    कॉल पर बातचीत में उमेश ने बताया कि उनके होटल से तीन किलोमीटर की दूरी पर संसद भवन है, जहां उपद्रवियों ने आग लगा दी। उनके होटल के सामने वाली सड़क पर फाइव स्टार होटल को आग के हवाले कर लोग इमारतों को लगातार नुकसान कर रहे थे।

    तोड़फोड़ और आगजनी के बीच उपद्रवियों के होटल तक आने का डर लगा रहा। आलम यह था कि दो रात चारों को नींद नहीं आई और खिड़की से बाहर देखते हुए रात गुजरी। आग लगाते युवाओं को देखकर महिलाओं की कई बार चीख भी निकल गई।

    होटल के सुरक्षा गार्डों के हवाले रही सुरक्षा

    राजकुमार अरोड़ा ने बताया कि होटल में ठहरने के दौरान दो दिन तक सेना नहीं दिखी। केवल होटल के सुरक्षा गार्डों के हवाले सभी ठहरने वालों की सुरक्षा थी। अन्य देशों से भी लोग होटल में ठहरे हुए हैं। तीसरे दिन यानि बुधवार को भीड़ सड़कों पर कम दिखी और सेना के जवान सड़कों पर थे। इस दौरान कर्फ्यू लगा दिया गया था।

    परिवार के लोग लगातार ले रहे हैं हालचाल 

    उमेश कुमार के परिवार में दो बेटे और बहुएं हैं जबकि राजकुमार अरोड़ा के परिवार में बेटा-बहू और बेटी है। उन्होंने बताया कि इंटरनेट सेवाएं बाधित होने पर परिवार के लोगों से बात करने में मुश्किल हुई लेकिन बाद में दोनों ने कॉल कर अपनी खबर स्वजन को दी। उमेश कुमार ने बताया कि लगातार घर पर बात हो रही है।

    दूतावास को भेजी है सूचना 

    उमेश कुमार ने बताया कि फ्लाइट सेवा अनिश्चितकाल के लिए बंद होने से वापस लौटने को लेकर भी जवाब नहीं मिल रहा है। होटल से बाहर नहीं निकले हैं और देश लौटने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यहां बताया जा रहा है कि भारतीय दूतावास को सूचना दी गई है। उन्होंने भारत सरकार से जल्द ही काठमांडू से निकलवाने की मांग की है।