यमुना में जलस्तर बढ़ने से निचले हिस्से में बसे गांवों में दहशत का माहौल, NDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी
लोनी में यमुना नदी का जलस्तर हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण 211.75 मीटर के आसपास बना हुआ है जिससे तटबंध के निकट रहने वाले ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है और किसानों की फसलें खराब हो गई हैं। एनडीआरएफ की टीम प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है और प्रशासन द्वारा भोजन चिकित्सा और आश्रय की व्यवस्था की जा रही है।

संवाद सहयोगी, लोनी। हथनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी से यमुना नदी का जलस्तर 211.75 मीटर के आसपास बना हुआ है। बढ़े हुए जलस्तर ने पुश्ते के निकट ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों की बाजरा, तिल्ली व हरी सब्जियों की फसलें पानी भरने से खराब हो चुकी हैं।
हथिनी कुंड बैराज से समय-समय पर पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते लोनी में लगातार दूसरे दिन यमुना नदी का जलस्तर 211.75 मीटर के आसपास बना हुआ है। आपदा से बचाव के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगातार तटबंध का निरीक्षण कर रहे है।
एनडीआरएफ की टीम बाढ़ से प्रभावित लोगों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ला रही है। प्रशासन द्वारा प्रभावितों के लिए 12 शरण स्थल बनाकर भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। बावजूद इसके प्रभावित लोग पुश्ता पर तिरपाल व पन्नी डालकर रह रहे है।
अधिकारियों के शरण स्थल में रहने के लिए कहने के बाद भी ये जाने के लिए तैयार नहीं हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों के छोटे बच्चों के लिए प्रशासन द्वारा दूध की व्यवस्था की गई है। बच्चों व बुजुर्गाें के स्वास्थ्य की जांच के लिए एक मोबाइल वैन की व्यवस्था की है। चिकित्सक द्वारा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
अपर जिलाधिकारी सौरभ भट्ट ने बताया कि प्रशासन की ओर से प्रतिदिन बाढ़ से प्रभावित करीब 250 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। वहीं प्रशासन द्वारा पुश्ते पर शरण लिए हुए लोगों के लिए वाटरप्रूफ टेंट व जनरेटर की व्यवस्था कराई गई है।
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