UP Politics: गुटबाजी के सुरों को खत्म करने की जद्दोजहद में सपा, कार्यकर्ताओं पर रखी जा रही नजर
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) गुटबाजी को समाप्त करने के लिए प्रयासरत है। पार्टी नेतृत्व कार्यकर्ताओं पर कड़ी नजर रख रहा है ताकि गुटबाजी को बढ़ने से रोका जा सके। अखिलेश यादव ने जिला अध्यक्षों को कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जाएगी। सपा 2027 के विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए अनुशासन बनाए रखने पर जोर दे रही है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की फाइल फोटो।
हसीन शाह, गाजियाबाद। सपा आला कमान ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में सपा ने गुटबाजी में उलझे दो लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अन्य कार्यकर्ताओं पर नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि कुछ लोग साइलेंट रहकर गुटबाजी को हवा दे रहे हैं। इससे पीडीए समीकरण पर भी असर पड़ सकता है।
पार्टी के भीतर युवजन सभा के पदाधिकारियों के बीच पहले से ही खींचतान चल रही थी। इंटरनेट मीडिया पर बयानबाजी की जा रही थी। समाजवादी युवाजन सभा के जिलाध्यक्ष जीतू शर्मा पर आरोप लगा था कि वह फेसबुक व वाट्सएप पर संगठन के प्रति अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। संगठन में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरी ने जीतू शर्मा को पद मुक्त कर दिया था। इससे जीतू शर्मा अधिक बिफर गए।
उन्होंने अखिलेश यादव को पत्र लिख डाला। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया जा रहा है। उनकी हर कार्यक्रम में अनदेखी की जाती है। इससे आहत होकर वरिष्ठों ने पार्टी कार्यालय पर बैठकों में आना बंद कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को कार्यक्रमों की सूचना नहीं दी जाती। पार्टी गाजियाबाद में हाशिये पर है।
चुनिंदा कार्यक्रमों को छोड़कर शहर की किसी बड़ी समस्या को लेकर कोई बड़ा धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ है। उन्होंने नगर निगम के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की सभा कराने वाले व्यक्ति को एक यूथ विंग का जिलाध्यक्ष बना देने तक का आरोप लगा डाला। उन्होंने कहा कि पीडीए से आने वाले एक पदाधिकारी को षड्यंत्र करके पद से हटवा दिया गया था। जीतू शर्मा के आरोप पर लिखे गए पत्र पर आला कमान ने कोई सुनवाई नहीं की।
ऐसे में जीतू ने अपने समर्थकों के साथ युवाजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरी और जिला अध्यक्ष फैसल हुसैन का पुतला फूंक दिया। पुतला फूंकने का मामला सपा आला कमान के पास पहुंचा। वहीं लोनी विधान सभा के अध्यक्ष रहे दिनेश गुर्जर पर भी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगा। ऐसे में जीतू शर्मा और दिनेश गुर्जर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इनके निष्कासन के बाद कुछ लोग चोरी-छिपी अब भी गुटबाजी को हवा दे रहे हैं। पार्टी पदाधिकारी गुटबाजी में संलिप्त लोगों की पहचान करने में जुटी है।
विधानसभा चुनाव से पहले गुटबाजी नहीं चाहती सपा
पार्टी आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। पार्टी किसी कीमत पर गुटबाजी नहीं चाहती है। जो भी कार्यकर्ता गुटबाजी में शामिल मिलता है उस पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। यही वजह है कि पार्टी ने एक सप्ताह के भीतर त्वरित कार्रवाई करते हुए पार्टी के दो कार्यकर्ताओं का विकेट गिरा दिया।
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