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    अब घर बैठे ऑनलाइन करा सकेंगे पंजीकरण, सरकारी अस्पतालों में पर्ची को लंबी कतार होंगी खत्म

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 07:23 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को ओपीडी पंजीकरण के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग घर बैठे ऑनलाइन पर्ची बनवाने की सुविधा शुरू कर रहा है, जिसका पायलट प्रोजेक्ट गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में चल रहा है। यह सुविधा मरीजों को समय और परेशानी से बचाएगी, और सफल होने पर इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।

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    डॉक्टरों से परामर्श के लिए अब लंबी कतारों का झंझट खत्म।

    मदन पांचाल, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों को दिखाने को पंजीकरण कराने (पर्ची बनवाने) को पंजीकरण काउंटर पर लगने वाली मरीजों की लंबी-लंबी कतारें अब खत्म होने वाली हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मरीजों को घर बैठे आनलाइन पर्ची बनवाने की सुविधा देने की योजना को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है।

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    खास बात यह है कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर इस योजना का ट्रायल सबसे पहले गाजियाबाद में किया जा रहा है। इसके लिए जिला एमएमजी अस्पताल को चुना गया है। अस्पताल में इस योजना के नोड़ल अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। पिछले दो दिन से इस योजना का ट्रायल चल रहा है। पहले चरण में आनलाइन पंजीकरण से पांच चिकित्सकों की ओपीडी को जोड़ा गया है।

    इनमें फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा के कक्ष संख्या-27, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनयकांत के कक्ष संख्या-26, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन चंद उपाध्याय के कक्ष संख्या-15, मनोचिकित्सक डॉ. अनिल विश्वकर्मा के कक्ष संख्या-27 और दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी के कक्ष संख्या -22 को जोड़ा गया है।

    सरकारी अस्पतालों में इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी

    बताया गया है कि लखनऊ, गोरखपुर, भदौही, सीतापुर समेत दस अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों में इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी की जा रही है। गाजियाबाद में ट्रायल सफल होने पर इन जिलों में आनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू की जाएगी। पंजीकरण के लिए एक रुपये की शुल्क का भुगतान करने के लिए प्रदेश सरकार ने एसबीआई के साथ समझौता किया है।

    बता दें कि जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन दो से तीन हजार मरीज पहुंचते हैं। पंजीकरण काउंटर पर लंबी लंबी लाइनों में खड़े रहने पर आए दिन मरीज बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। इस योजना के साथ ही 68 साल पुराने और गाजियाबाद के पहले जिला एमएमजी (मुकंदलाल म्यूनिसिपल गवर्नमेंट)अस्पताल में अब मरीजों को पर्ची बनवाने के लिए घंटों लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। पर्ची बनने, चिकित्सक के देखने और मेडिकल स्टोर तक की पूरी प्रक्रिया कम्पयूटराइज्ड होने जा रही है। एबीडीएम में प्रदेश में जिला एमएमजी अस्पताल दूसरे नंबर पर है।

    ऐसे बनेगी ऑनलाइन पर्ची

    • hmisup.prd.dcs पर जाएं।
    • इसके बाद आनलाइन अपोइंटमेंट का विकल्प चुनें।
    • आगे जाने पर मोबाइल नंबर दें।
    • ओटीपी आएगा,उसे दर्ज करें।
    • अस्पताल का नाम चुनें।
    • इसके बाद किस विभाग में दिखाना है इसे क्लिक करें।
    • समय दर्ज करें।
    • पूरा भरने के बाद अपना नाम,उम्र,पता और फिर एक रुपये का भुगतान करें।
    • पर्ची बनकर तैयार हो जाएगी।
    • सीधे संबंधित चिकित्सक के पास जाकर मोबाइल पर बनी पर्ची दिखा दें अथवा पंजीकरण नंबर। चिकित्सक के कम्प्यूटर पर पहले से आपका पंजीकरण दर्ज होगा।

    ऑनलाइन सिस्टम से ही मरीज को देने की तैयारी

    जांच के अलावा दवाएं भी ऑनलाइन सिस्टम से ही मरीज को देने की तैयारी है। यह हास्पिटल मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम के तहत सी डैक द्वारा तैयार की गई ई-सुश्रत योजना का ही एक भाग है। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन(एबीडीएम) योजना भविष्य में चिकित्सा के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन माड्यूल को संभव बनाने को लागू की गई है। इसके तहत मरीज पहले पंजीकरण काउंटर पर जाकर आभा कार्ड बनवाते हैं। आभा कार्ड उसके आधार से जुड़ा होगा।